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ब्रांडेड ट्रेडिंग कंपनी के फेर में फंसे एमपी के बड़े अफसर, दमोह में साइबर ठगी का सबसे बड़ा केस

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सागरJan 11, 2025 / 10:10 pm

प्रवेंद्र तोमर

एमपी के दमोह में साइबर ठगी का अब तक का सबसे बड़ा मामला सामने आया है। देश की प्रमुख ट्रेडिंग कंपनी के नाम से फर्जी डुप्लीकेट कंपनी बनाकर निवेशकों को साइबर जालसाज चूना लगाने में जुटे हुए हैं। साइबर ठगों ने कोलमाइंस अफसर को झांसे में लेकर 94 लाख रुपए निवेश करा लिए। बाद में वेबसाइट लॉक कर फरार हो गए। इस मामले में पीडि़त ने साइबर सेल और एसपी से शिकायत दर्ज कराई है। साइबर सेल ने तत्परता दिखाते हुए पीडि़त के 22 लाख रुपए बैंक में होल्ड करा लिए। परेशानी की बात यह है कि साइबर जालसाज 72 लाख रुपए बैंक से निकालने में कामयाब हो गए।
जानकारी के अनुसार आरबी सिंह (परिवर्तित नाम) ने शिकायत में बताया था कि उसने गोल्ड मेन लेड नामक ट्रेडिंग कंपनी में 94 लाख रुपए निवेश किए थे। उससे भूल यह हुई कि उसने ट्रेडिंग कंपनी के नाम को ठीक से नहीं देखा था। दरअसल वह प्रमुख ट्रेडिंग के नाम पर बनाई एक फर्जी ट्रेडिंग कंपनी थी। इधर, एसपी श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने शिकायत के बाद साइबर सेल को छानबीन में लगाया। साइबर टीम ने सबसे पहले उस बैंक का पता लगाया, जिसमें यह भारी भरकम राशि ट्रांसफर हुई थी। उसका पता लगते ही बैंक प्रबंधन से मिलकर उस खाते पर होल्ड लगवाया।
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कोलमाइंस का अधिकारी था पीडि़त– पुलिस के अनुसार पीडि़त कोलमाइंस कंपनी का एक बड़ा अधिकारी था। सेवानिवृत्त होने के बाद उसने शेयर में इन्वेस्ट करने के लिए निवेश किया था। बताया जाता है कि बेवसाइट पर उसे इस फर्जी कंपनी की लिंक मिली थी। इधर, पुलिस ने पीडि़त की रिपोर्ट पर अज्ञात जालसाजों के खिलाफ मामला दर्ज किया है और उन तक पहुंचने की कोशिश में जुटी है।
मुनाफा दिखाकर जाल में फंसा रहे ठग– इस मामले में पड़ताल के दौरान मालूम चला है कि यह ठग फर्जी नाम से ट्रेडिंग कंपनी की लिंक तैयार की । कंपनी का नाम ब्रांडेड कंपनी से मिलता जुलता है। इससे वह आसानी से लोगों को मूर्ख बनाते हैं। इधर, इन्वेस्ट करने के बाद निवेशकों को अच्छा खासा मुनाफा भी दिखाया जाता है। ताकि और अधिक राशि निवेशक लगाएं। जब भारी भरकम राशि निवेश करा लेते हैं तब वह अपनी लिंक लॉक कर फरार हो जाते हैं।
इस संबंध में दमोह एसपी श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने बताया कि डुप्लीकेट कंपनी बनाकर फर्जी तरीके से एक व्यक्ति से 94 लाख रुपए निवेश कराए गए हैं। इसकी शिकायत पर जांच कराई गई है। साइबर सेल ने एक आरोपी के बैंक खाते को होल्ड कराने में सफलता प्राप्त की है। आरोपी इस खाते से २२ लाख रुपए नहीं निकाल पाए थे। मामले में पड़ताल जारी है।

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