सागर

आज अस्ताचलगामी सूर्यदेव को अर्घ्य देंगे व्रतधारी, खरना के साथ शुरू हुआ 36 घंटे का निर्जला उपवास

छठ महापर्व के दूसरे दिन बुधवार को व्रतधारियों ने घरों में खरना की रस्म अदा की। गुरुवार को छठ पर अस्ताचलगामी सूर्यदेव को अराध्य देकर पूजा-आराधना की जाएगी। पूजा करने के लिए पूजन स्थल पर तैयारी की गई।

सागरNov 07, 2024 / 11:43 am

रेशु जैन

puja2

सुभाषनगर में बने अस्थाई कुंड में होगा आयोजन
सागर. छठ महापर्व के दूसरे दिन बुधवार को व्रतधारियों ने घरों में खरना की रस्म अदा की। गुरुवार को छठ पर अस्ताचलगामी सूर्यदेव को अराध्य देकर पूजा-आराधना की जाएगी। पूजा करने के लिए पूजन स्थल पर तैयारी की गई। तालाब के घाट को छोड़ कर शेष स्थानों पर अस्थाई जल कुंड बनाए गए है, ताकी लोग अपने क्षेत्रों में ही इन कुंड स्थलों पर पहुंच कर पूजा कर सकें। चकराघाट, मकरोनिया और सुभाषनगर में बने अस्थाई कुंड में सूर्यदेव भगवान को अर्घ्य दिया जाएगा। घाटों पर पूजा के दौरान भोजपुरी गीत गाए जाएंगे आतिशबाजी होगी। चकराघाट पर दोपहर 2 बजे से रात्रि 8 बजे तक आयोजन चलेगा।
खरना में लगाया भोग

पर्व की शुरुआत दो दिन पहले मंगलवार को घरों में नहाय-खाय की रस्म के साथ शुरू हो गई थी। बुधवार को खरना हुआ। इस मौके पर महिलाओं ने भगवान भास्कर का स्मरण कर व्रत प्रारंभ किया। इसके पहले खरना में महिलाएं रात में चना दाल, गुड़, लौकी व चावल आदि का भगवान को भोग लगाया गया। पंडितों का कहना है कि छठ में औषधीय गुणों से युक्त खाद्य सामग्री का भोग अर्पित किया जाएगा। शाम को पूजा के दौरान सूर्य की किरणों के प्रभाव में आ जाने से यह सामग्री और शुद्ध हो जाती है। इन सामग्रियों में सुथनी, सिंघाड़ा, लौकी, मूली, आंवला, सीताफल, गन्ना, बेर व हल्दी आदि हैं।
निर्जला उपवास हुआ शुरू

विकास कुमार शर्मा ने बताया कि व्रतधारियों ने खरना विधि की परंपरा निभाई गई। इसमें व्रतधारियों ने पूरे दिन निर्जला उपवास किया। सूर्यास्त के बाद बिना नमक और शकर से बने चावल, गुड़ और गन्ने के रस से तैयार खीर का सूर्यदेव को नैवेद्य देकर घर में ही एकांत में ग्रहण किया। इसके बाद परिवार जनों, मित्रों व रिश्तेदारों को इसी खीर और रोटी का प्रसाद बांटा गया। इसके साथ ही अगले 36 घंटों के लिए व्रतधारियों का निर्जला व्रत शुरू हो गया। मध्य रात्रि को व्रती छठ पूजा के लिए विशेष प्रसाद के रूप में ठेकुआ बनाएंगे।

Hindi News / Sagar / आज अस्ताचलगामी सूर्यदेव को अर्घ्य देंगे व्रतधारी, खरना के साथ शुरू हुआ 36 घंटे का निर्जला उपवास

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.