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यहां बन रहा दुनिया का पहला समवशरण मंदिर, गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज कराने की तैयारी

दीपावली के बाद होगा पंचकल्याणक महोत्सव, मुनि संघ के सान्निध्य में चल रहा पूजन

सागरSep 23, 2024 / 12:09 pm

sachendra tiwari

The world's first Samavsharan temple is being built here

निर्माणाधीन मंदिर

बीना. खिमलासा में दुनिया का पहला समवशरण मंदिर का निर्माण किया जा रहा है, जिसे गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज कराने की तैयारी भी की जा रही है। मंदिर का निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है।
कमेटी के सदस्यों ने बताया कि खिमलासा का त्रिमूर्ति दिगंबर मंदिर दुनिया में पहला स्थान है, जहां पर समवशरण की रचना की जा रही है, इसका निर्माण कार्य भी जारी है, दीपावली के बाद यहां पर पंचकल्याणक महोत्सव कराने की तैयारी भी की जा रही है। साथ ही इसे गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज कराने के लिए आवेदन किया जाएगा। श्री पारसनाथ दिगंबर जैन बड़ा मंदिर खिमलासा में मुनिसंघ के सान्निध्य व ब्रह्मचारी अभिषेक भैया के निर्देशन में रविवार को चित्र अनावरण, शास्त्र अर्पण, आचार्य श्री का महापूजन, जैन युवा संगठन, महिला मंडल, बालिका मंडल कमेटी राजस्थान ने किया। इस अवसर पर मांगलिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। 11 निर्जल उपवास करने वाले ब्रह्मचारी अमित भैया का सम्मान किया गया, ब्रह्मचारी यश भैया ने आचार्य श्री का पूजन कराया। इस अवसर पर धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनि विमल सागर महाराज ने कहा कि जीवन का परिवर्तन ऊपर उठाकर सिद्धालय में विराजमान करवाता है, यह यात्रा निरंजन बनने के लिए होती है। उन्होंने कहा कि मनुष्य जन्म मिला है, तो इसे खोटे कार्य में नहीं लगाएं, व्यसनों में नहीं लगाएं, बल्कि धर्म की वृद्धि के कार्यों में लगाओ। मुनि भावसागर महाराज ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जैन समाज की गणना होना चाहिए, जिसमें कोई भी समस्या हो तो उसका समाधान हो सके। प्रत्येक परिवार का आधार कार्ड जैसा कार्ड बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्ष में एक बार साधु के दर्शन करने जरूर जाना चाहिए।

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