सागर

निविदा वही, एजेंसी वही, पहले कॉल में टेक्निकल फिट दूसरे में किया बाहर, लोकायुक्त पहुंचा मामला

– स्मार्ट सिटी योजना के तहत जारी हो रहीं निविदाओं में फर्जीवाड़े के आरोप – तीन मढ़िया से एमएलबी चौराहे तक की सड़क के पुनर्विकास का मामला सागर. स्मार्ट सिटी योजना के तहत जारी की जा रही निविदाओं में फर्जीवाड़ा किए जाने के आरोप लगाए गए हैं। बीते दिनों तीन मढ़िया से एमएलबी स्कूल चौराहे […]

सागरDec 20, 2024 / 05:54 pm

अभिलाष तिवारी

– स्मार्ट सिटी योजना के तहत जारी हो रहीं निविदाओं में फर्जीवाड़े के आरोप
– तीन मढ़िया से एमएलबी चौराहे तक की सड़क के पुनर्विकास का मामला

सागर. स्मार्ट सिटी योजना के तहत जारी की जा रही निविदाओं में फर्जीवाड़ा किए जाने के आरोप लगाए गए हैं। बीते दिनों तीन मढ़िया से एमएलबी स्कूल चौराहे तक की सड़क के रीडवलपमेंट को लेकर निविदा जारी की गई थी। इसमें स्मार्ट सिटी के अधिकारियों पर कतिपय एजेंसी को लाभ पहुंचाने के आरोप लगाए गए हैं। लोकायुक्त सागर पुलिस अधीक्षक से निविदा प्रक्रिया में शामिल होने वाले पुष्पेंद्र प्रताप सिंह ने लिखित में शिकायत की है। शिकायत में कहा गया है कि स्मार्ट सिटी योजना के तहत जारी हुई निविदा में उन्होंने टेंडर डाला था, जिसमें फर्स्ट कॉल के दौरान उनकी एजेंसी टेक्निकल फिट घोषित की गई। फर्स्ट कॉल में पांच एजेंसियां शामिल हुईं थीं जिसमें चार को अनफिट घोषित किया था। समिति ने टेक्निकल क्वालीफाइड साबित हुई एजेंसी की वित्तीय निविदा खोलना की अनुशंसा की, लेकिन फर्जीवाड़े के चलते जिम्मेदार अधिकारियों ने इस प्रक्रिया को निरस्त कर दिया और दूसरी बार टेंडर बुला लिया। शिकायतकर्ता का आरोप है कि जब दूसरी बार टेंडर प्रक्रिया हुई तो उनकी एजेंसी को टेक्निकल अनफिट बता दिया और अपनी चहेती एजेंसी को चुन लिया।

हर जगह की शिकायत लेकिन कार्रवाई नहीं

शिकायतकर्ता पुष्पेंद्र प्रताप सिंह ने आरोप लगाया है कि उन्होंने निविदा के नाम पर चल रहे फर्जीवाड़े की जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों से कई बार लिखित में शिकायत की। इसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। इसी वजह से तमाम साक्ष्यों के साथ लोकायुक्त सागर पुलिस अधीक्षक को शिकायत के साथ दस्तावेज सौंपे हैं।

पत्रिका व्यू: जांच जरूरी है

स्मार्ट सिटी योजना के तहत शहर में किए गए तमाम विकास कार्य शुरुआत से ही विवादों में रहे हैं। लाखा बंजारा झील, सड़क निर्माण, पार्क समेत अन्य विकास कार्यों में समय-समय पर लोगों ने आवाज उठाई, लेकिन यह पहला मामला है जब फर्जीवाड़े की शिकायत लोकायुक्त संगठन तक पहुंच गई है। जरूरी होगा कि स्मार्ट सिटी के विवादित मामलों की गंभीरता से जांच की जाए ताकि शासकीय धन के दुरुपयोग के आरोपों की सत्यता सामने आ सके।

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