दिव्यघोष, हाथी, घोड़ा, डमरू दल और अखाड़ा का हुआ प्रदर्शन, चारों ओर नजर आए भक्त सागर. सागर में आचार्य विद्यासागर महाराज के शिष्य निर्यापक मुनि सुधा सागर महाराज की ऐतिहासिक अगवानी रविवार को हुई। भक्तों ने जिन शासन का शेर सागर में अब की बेर का नारा लगाया। पूरा शहर मुनि सुधा सागर महाराज के जयकारों से गूंज उठा। अगवानी में डीजे, दिव्यघोष, हाथी, घोड़ा, डमरू दल और दो दर्जन से अधिक महिला मंडल शामिल हुए। सुबह 6 बजे से ही सिविल लाइन चौराहा पर मुनि की झलक पाने के लिए पूरा शहर उमड़ पड़ा। प्रदेश के अनेक शहरों और कस्बों से लोगों ने सागर पहुंचकर के अगवानी की। सिविल लाइन से कटरा बाजार तक का 3 किमी पैदल विहार 3 घंटे में पूरा हुआ।
मुनि सुधा सागर महाराज का सुबह 6 बजे अंकुर कॉलोनी से विहार हुआ। सुबह 7 बजे सिविल लाइन से अगवानी शुरू हुई। मुनिसंघ ने गोपालगंज जैन मंदिर में भगवान के दर्शन किए। उसके बाद गोपालगंज, तीन मढिय़ा, परकोटा, तीनबत्ती होते हुए कटरा जैन मंदिर में समापन हुआ। यहां पार्श्वनाथ जिनालय के फर्श पर मुनिश्री के मुखारबिंद से शांतिधारा का वाचन हुआ। धर्मसभा में सुधा सागर महाराज ने कहा कि बुंदेलखंड में धर्म को जानने वाले विद्वान, पंडित आदि तो बहुत हुए, परंतु धर्मात्मा को मानने वाले लोग पहले बहुत कम थे। धर्मात्मा की कमी निकालने वाले लोग बहुत थे, लेकिन जब आचार्य गुरुदेव विद्यासागर महाराज का पदार्पण बुंदेलखंड क्षेत्र में हुआ तो इतना परिवर्तन आया।
प्रदेशभर से शामिल हुए भक्त शोभायात्रा में बंडा और ललितपुर व्यायामशाला आदि कई स्थानों के दिव्य घोष, अखाड़े आदि साथ चल रहे थे। अगवानी में बंडा, रहली, देवरी, परसोरिया, कर्रापुर, नरयावली, ईशुरवारा, सिहोरा के साथ ललितपुर, अशोकनगर, गंजबासौदा, विदिशा, दमोह, गैरतगंज,बीना बेगमगंज, पथरिया, शाहपुर, मडावरा, थूबनजी, पिपरई आदि स्थानों से श्रद्धालु शामिल हुए। अशोकनगर जिले से 2000 से अधिक लोग सागर पहुंचे। अशोकनगर और थूबनजी जैन तीर्थ क्षेत्र की ओर से मुनि संघ का वर्षायोग चातुर्मास करने का निवेदन किया गया।