सागर

स्कूल शिफ्ट हुए बिना ही जर्जर हो गए कक्ष, वर्षों से पड़े हैं खाली

दो नंबर स्कूल शिफ्ट करने के लिए बनाए गए थे कक्ष

सागरJul 31, 2021 / 08:21 pm

sachendra tiwari

The rooms became dilapidated without shifting the school

बीना. विद्यार्थियों के लिए अच्छी सुविधा मुहैया कराने लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं, लेकिन इसका लाभ उन्हें नहीं मिल पाता है। लाखों रुपए खर्च कर दो नंबर स्कूल को शिफ्ट करने बनाए गए कक्ष वर्षों से खाली पड़े होने के कारण जर्जर हो गए हैं और अब यह शिफ्ट करने लायक ही नहीं बचे हैं। जिससे स्कूल अभी भी रेलवे के भवन में ही संचालित हो रहा है।
शहर का शासकीय स्कूल क्रमांक दो अभी भी रेलवे के पुराने भवन में लगता हैं और इसे शिफ्ट करने के लिए लाखों रुपए खर्च कर वर्षों पहले बीआरसीसी कार्यालय के पीछे बनाए गए कमरें खली पड़े-पड़े ही जर्जर हो गए। यहां जगह कम बताकर उसे शिफ्ट नहीं किया गया। इसके बाद चार कमरें बाद में नए तैयार किए गए, लेकिन फिर भी स्कूल शिफ्ट नहीं हो सका। सबसे पहले जो कमरें बनाए गए थे वह अब जर्जर हो चुके हैं। छत भी खराब होने लगी है और फर्स भी खराब हो चुका है, जिससे यह अब शिफ्ट करने लायक ही नहीं बचा है। जबकि रेलवे के भवन में जहां स्कूल संचालित है वह भवन वर्षों पुराना है और वहां खेल मैदान तक की सुविधा नहीं है। दो नंबर स्कूल के लिए बाद में जो चार नए कमरे बनाए गए थे उसमें बीइओ ऑफिस संचालित हो रहा है और पुस्तक, साइकिल रखी रहती हैं।
निर्माण के पहले नहीं दिया ध्यान
पूर्व में बनाए गए कक्षों में कमी बताकर जो चार नए कमरे बनाए गए वह पुराने भवन से दूर बनाए गए हैं और दोनों के बीच में माध्यमिक स्कूल बना है। नए कक्षों का निर्माण करते समय यहां यह भी ध्यान नहीं रखा गया कि बीच में दूसरा स्कूल होने के कारण विद्यार्थियों, स्टाफ को परेशानी होगी।
बैठने लायक नहीं है कक्ष
पूर्व में बने कक्षों की स्थिति अब जर्जर हो चुकी है, जिससे वह बैठने लायक नहीं है। बाद में जो चार कक्ष बने थे उनका उपयोग बीइओ कार्यालय और पुस्तक, साइकिल रखने में किया जा रहा है। कक्ष जर्जर हो जाने के कारण अब वहां स्कूल शिफ्ट नहीं किया जा सकता है।
जेड इक्का, बीइओ, बीना

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