पहले यहां हुआ करती थी गुंबद
बताते हैं कि 1974 के पहले तक यहां शनिदेवजी की छोटी सी मडय़िा हुआ करती थी। उसके बाद इस मंदिर का विस्तार एक राम भक्त द्वारा शुरू कराया गया जो धीरे धीरे अब विशाल मंदिर के रूप में आकार ले चुका है। राम दरबार की स्थापना पिछले साल ही हुई मंदिर परिसर में राम दरबार की स्थापना पिछले साल ही की गई है। संगमरमर से निर्मित भगवान राम जानकी व लक्ष्मणजी की आकर्षक मूर्तियों की स्थापना पूरे विधि विधान से पिछले साल ही की गई थी। जबकि हनुमानजी महाराज पहले से ही विराजमान हैं हनुमानजी महाराज की 21 फीट ऊंची प्रतिमा एकल पत्थर पर निर्मित है । हनुमानजी यहां भजनानंदी मुद्रा में है।
बताते हैं कि 1974 के पहले तक यहां शनिदेवजी की छोटी सी मडय़िा हुआ करती थी। उसके बाद इस मंदिर का विस्तार एक राम भक्त द्वारा शुरू कराया गया जो धीरे धीरे अब विशाल मंदिर के रूप में आकार ले चुका है। राम दरबार की स्थापना पिछले साल ही हुई मंदिर परिसर में राम दरबार की स्थापना पिछले साल ही की गई है। संगमरमर से निर्मित भगवान राम जानकी व लक्ष्मणजी की आकर्षक मूर्तियों की स्थापना पूरे विधि विधान से पिछले साल ही की गई थी। जबकि हनुमानजी महाराज पहले से ही विराजमान हैं हनुमानजी महाराज की 21 फीट ऊंची प्रतिमा एकल पत्थर पर निर्मित है । हनुमानजी यहां भजनानंदी मुद्रा में है।