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सागर. पत्रिका के मेरी बेटी मेरा मान अभियान के तहत बेटियों को एक दिन अपने माता-पिता के दफ्तर जाकर उनके काम को समझने का मौका मिला है। इस दौरान वे माता-पिता के काम को बारीकी से समझती हैं, वहीं उनकी योग्यता को भी जानती हैं। पत्रिका समूह के संस्थापक श्रद्धेय कर्पूर चंद्र कुलिश की जयंती पर हर वर्ष 20 मार्च को बिटिया एट वर्क का आयोजन किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य समाज से जहां बेटे और बेटियों के बीच के भेद को खत्म करना है, वहीं बेटियों को ऑफिस लाकर सुखद अहसास करवाना है। इसी कड़ी से जुड़ते हुए शहर में गुरुवार को बड़ी संख्या में लोगों में इस कार्यक्रम में सहभागिता करेंगे। वर्षों से आयोजित हो रहे इस अभियान में इससे पहले जो बेटी अपने पिता की ऑफिस गई थीं, अब उन्होंने अपने पिता के काम को बखूवी संभाल लिया है। पिता से प्रेरणा लेकर नौकरी कर रही हैं।
पिता के साथ संभाल रही उनका काम
समाजसेवी सराफा कारोबारी अशोक अग्रवाल की बेटी आयुषी अग्रवाल ने खेल में अपना मुकाम बनाया है। आयूषी ने नेशनल पावर लिफ्टिंग में गोल्ड मेडल जीता है। वे अपने पिता के साथ ज्वैलरी शॉप भी चलाती हैं। पढ़ाई व खेल के बाद जो समय मिलता है वे दुकान के लिए लेती देती हैं। उन्होंने बताया कि उनके दादा व पिता ने हमेशा उनका मनोवल बढ़ाया। उन्होंने बताया कि पत्रिका के अभियान से भी प्रेरणा मिली। करीब 14 वर्षों से पिता के साथ ज्वैलरी शॉप पर बैठ रही हूं। आयूषी ने बताया कि इसके साथ उन्होंने अपने पैसे से बाबा हेंडलूम ऑउटलेट खोला है, जो स्वंय की संचालित करती हैं। उन्होंने बताया कि बिजनेस करने का शौक बचपन से ही था।
पिता की फर्म में कर रही हूं मदद
शहर के रियल स्टेट कारोबारी एसआर सिंह की बेटी जागृति सिंह इन दिनों बेंगलूर में जॉब कर रही हैं। जागृति ने बताया कि वे अपनी जॉब के साथ पिता की फर्म में भी मदद कर रही हैं। उन्होंने बताया कि आइआइटी रूडक़ी से एमबीए की पढ़ाई की है। पिता की रियल स्टेट की फर्म हैं। ऐसे में उनकी साइड्स की ऑनलाइन प्रोफाइल व मार्केटिंग के लिए वीडियो डिजाइन मैं करती हूं। उन्होंने बताया कि एमबीए के पहले सिविल इंजीनियर की पढ़ाई की। पिता से प्रेरणा लेकर कार्य कर रही हूं।
Published on:
21 Mar 2025 11:59 am
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