सिटी स्टेडियम में गौर महोत्सव समिति द्वारा आयोजित गौर स्मृति लेदर बाल क्रिकेट टूर्नामेंट का रविवार को समापन हो गया। 13 दिवसीय लेदर बाल क्रिकेट टूर्नामेंट में फाइनल मुकाबला पांडे कंस्ट्रक्शन बनाम अक्षिता कंस्ट्रक्शन सागर की टीमों के बीच खेला गया। मैच में अक्षिता कंस्ट्रक्शन की टीम ने फाइनल पर कब्जा किया। पूरे टूर्नामेंट में कुल 10 टीमों ने हिस्सा लिया था। विजेता टीम को 30000 और उपविजेता टीम को 15000 रुपए प्रदान किए गए वहीं मैन ऑफ द सीरीज खिलाड़ी को क्रिकेट किट व शील्ड प्रदान की गई।
समापन अवसर पर युवा भाजपा नेता अविराज सिंह भी पहुंचे। अविराज सिंह ने कहा कि इस टूर्नामेंट का नाम डॉ. सर हरिसिंह गौर के नाम पर रखा गया है, आज सागर की पहचान भी डॉ. हरिसिंह गौर के नाम से ही है। अविराज सिंह ने डॉ. गौर के कहा कि डॉ. गौर का जन्म एक ऐसे परिवार में हुआ था जो आर्थिक रूप से सशक्त नहीं था, क्योंकि बचपन से ही वो बहुत मेहनती थे और उनमें आत्मविश्वास के साथ ही संघर्ष करने की भावना थी, जिससे वे विश्व की सबसे प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी में से एक कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के छात्र बने थे। उन्होंने कहा कि डॉ. गौर का नाम विश्व के महान लॉयर्स में लिया जाता है, उन्हें 1 जनवरी 1925 को नाइट के टाइटल से भी नवाजा गया है। डॉ. गौर प्रतीक युवक की प्रेरणा स्रोत है। उन्होंने कहा कि स्पोट्र्स टीमें यूनिटी से खेलती हैं। मुझे लगता है कि युवाओं में यूनिटी है तो पूरे देश में यूनिटी है। भारत विश्व का सबसे युवा देश भी है। खेलों के क्षेत्र में नाम रोशन करने वाले खिलाडिय़ों के लिए अनेक कोटा में शासकीय नौकरियां होती हैं, जिनके लिए खिलाड़ी प्रयास करें।
यह रहे शामिल: गौर महोत्सव समिति के मुख्य सदस्यों विक्रम राजपूत, पवन कुर्मी, नीरज सिंह ठाकुर, आकाश राय एवं रामजी राजपूत ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। अभिजीत सिंह, योगश्वर दुबे, मनोज शुक्ला, अजीत सिंह, रिशांक तिवारी, गनेश सेन, शरद जैन, अंकित विश्वकर्मा, संदीप साहू, शालीन सिंह, शुभम नामदेव, शुभ जैन सहित खेलप्रेमी उपस्थित थे।
समापन अवसर पर युवा भाजपा नेता अविराज सिंह भी पहुंचे। अविराज सिंह ने कहा कि इस टूर्नामेंट का नाम डॉ. सर हरिसिंह गौर के नाम पर रखा गया है, आज सागर की पहचान भी डॉ. हरिसिंह गौर के नाम से ही है। अविराज सिंह ने डॉ. गौर के कहा कि डॉ. गौर का जन्म एक ऐसे परिवार में हुआ था जो आर्थिक रूप से सशक्त नहीं था, क्योंकि बचपन से ही वो बहुत मेहनती थे और उनमें आत्मविश्वास के साथ ही संघर्ष करने की भावना थी, जिससे वे विश्व की सबसे प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी में से एक कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के छात्र बने थे। उन्होंने कहा कि डॉ. गौर का नाम विश्व के महान लॉयर्स में लिया जाता है, उन्हें 1 जनवरी 1925 को नाइट के टाइटल से भी नवाजा गया है। डॉ. गौर प्रतीक युवक की प्रेरणा स्रोत है। उन्होंने कहा कि स्पोट्र्स टीमें यूनिटी से खेलती हैं। मुझे लगता है कि युवाओं में यूनिटी है तो पूरे देश में यूनिटी है। भारत विश्व का सबसे युवा देश भी है। खेलों के क्षेत्र में नाम रोशन करने वाले खिलाडिय़ों के लिए अनेक कोटा में शासकीय नौकरियां होती हैं, जिनके लिए खिलाड़ी प्रयास करें।
यह रहे शामिल: गौर महोत्सव समिति के मुख्य सदस्यों विक्रम राजपूत, पवन कुर्मी, नीरज सिंह ठाकुर, आकाश राय एवं रामजी राजपूत ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। अभिजीत सिंह, योगश्वर दुबे, मनोज शुक्ला, अजीत सिंह, रिशांक तिवारी, गनेश सेन, शरद जैन, अंकित विश्वकर्मा, संदीप साहू, शालीन सिंह, शुभम नामदेव, शुभ जैन सहित खेलप्रेमी उपस्थित थे।