सागर. पीलिया से मौत के बाद खाद्य एवं औषधि विभाग हरकत में आ गया है। मंगलवार की शाम मकरोनिया क्षेत्र के ३ भोजनालय, रेस्टोरेंट व जूस की दुकानों पर जाकर नमूने लिए गए। कार्रवाई के दौरान एक दुकानदार ने तो मामला रफा-दफा करने का तक अधिकारी को ऑफर दिया, जिसके बाद अधिकारी भड़क उठे और जांच के बाद जो सेम्पल रिपोर्ट आने पर कार्रवाई की बात कही। अधिकारियों ने मकरोनिया के सिविल लाइन रोड स्थित जयमाता दी जूस सेंटर पर दबिश दी। यहां जूस पर मक्खियां भिनभिना रही थीं। दुकान से लस्सी, मैंगो शेक का सैंपल लिए गए। बण्डा रोड स्थित जय भोले भोजनालय से तुअर दाल, पनीर और झांसी रोड स्थित अन्ना रेस्टोरेंट से मैदा एवं मोनो सोडियम ग्लूटामेट (चयनीज आयटमों के निर्माण में प्रयुक्त) खाद्य पदार्थों के नमूने लिए।
पत्रिका में खबर प्रकाशित होने के बाद मंगलवार को बवाल मच गया। बीते तीन महीने में १३ मौत हो जाने का मामला सामने आने के बाद अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए। आनन-फानन में २८० लोगों की जांच की गई, जबकि इनमें से जानलेवा पीलिया या हेपेटाइटिस की आशंका में ३० से ज्यादा लोगों को चिन्हित किया गया है। सोमवार तक बीमारी से १३ लोगों की मौत से अनजान अधिकारी भी मंगलवार को स्थिति का जायजा लेने पहुंचे और स्वास्थ्य विभाग ने पीलिया से आठ लोगों की मौत की पुष्टि की।
वहीं भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी मौके पर पहुंचे और लोगों से बातचीत कर उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया। आप कार्यकर्ताओं ने तो कलेक्टे्रट में जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन भी किया।
इलाज कराने तक का नहीं मिला वक्त…
सोमवार को रजाखेड़ी निवासी ५६ वर्षीय किरन उर्फ भानूमति कुर्मी की पीलिया से मौत हो गई। पति रामनाथ कुर्मी ने बताया कि किरन की तबीयत दो दिन पहले ही बिगड़ी थी। मकरोनिया के निजी अस्पताल में इलाज कराया, लेकिन सुधार नहीं हुआ तो डॉक्टर्स ने बाहर ले जाने की बात कही, लेकिन हमें इलाज का भी मौका नहीं मिला और २० मई की शाम को मौत हो गई।
नौ हुई मृतकों की संख्या
राहुल साहू, अभिषेक जाटव, गोलू जाटव, राजकुमार अहिरवार, शंकुतला सक्सेना, अनिल जाटव, नीरज अहिरवार, आशीष अहिरवार, किरण कुर्मी
सो मवार को बीमारी फैलने की खबर के बाद शिविर लगाया गया था। यह मंगलवार को भी जारी रहा। स्वास्थ्य विभाग ने दो दिन में क्रमश: १३० और १५० लोगों की जांच की। जांच में ज्यादातर लोग किसी न किसी बीमारी से पीडि़त मिले। इनमें से डॉक्टर्स की टीम ने ३० से ज्यादा लोगों को पीलिया या हेपेटाइटिस होने की आशंका में चिह्नित किया है। वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. अमिताभ जैन ने बताया कि मंगलवार को उन्होंने पीडि़त परिवारों से मुलाकात की। इसमें पता चला कि मरने वाले सभी पीलिया से पीडि़त थे, लेकिन यह दस्तावेजी जांच में हेपेटाइटिस के कारण पीलिया होने की बात सामने आई है। डॉक्टर जैन के अनुसार अब तक ८ मृतकों की पुष्टि हो चुकी है।
क्या बोले डॉक्टर
डॉ. अमिताभ जैन कहते हैं कि ज्यादातर मामलों में गंदा पानी ही पीलिया जैसी बीमारियों की वजह बनता है लेकिन अभी जिन व्यक्तियों की मौत हुई है, उनमें प्रारंभिक जांच में हेपेटाइटिस के लक्षण भी मिले हैं इसी की वजह से उन्हें पीलिया हुआ है। हेपेटाइटिस भी दो प्रकार से होता है, इसमें एक इनफेक्टिड और दूसरा हेपेटाइटिस-बी शामिल है। इनफेक्टिड हेपेटाइटिस गंदा मलयुक्त पानी पीने, गंदा दूषित भोजन करने आदि से होता है, जबकि हेपेटाइटिस-बी संक्रामक सुई, संक्रामक खून और मां से बच्चे में पहुंचता
दोबारा बिगड़ा अधिवक्ता का स्वास्थ्य
दीनदयाल नगर निवासी नगर पालिका के अधिवक्ता केके रावत का मंगलवार को दोबारा स्वास्थ्य बिगड़ गया। अधिवक्ता रावत ने बताया कि उन्हें करीब एक सप्ताह से पीलिया की शिकायत है। इसके पहले भी वे मकरोनिया की एक निजी अस्पताल में भर्ती हुए और आराम मिलने पर छुट्टी करा ली, लेकिन उनकी दोबारा तबीयत बिगड़ी और फिर से भर्ती कराया गया।