अगर कोई विद्यार्थी संस्कृत में शास्त्री या आचार्य तक की पढ़ाई कर ले तो आर्मी में धर्मगुरु बन सकता है। स्कूलों में वर्ग एक, दो, तीन का शिक्षक बन सकता है और अच्छा ज्ञान प्राप्त कर ले तो कॉलेज में प्रोफेसर भी बन सकता है। चिकित्सा के क्षेत्र में में भी संस्कृत का खासा महत्व है। ऐसे छात्र आयुर्वेद की तरफ बढ़ सकते हैं, जिसमें चरक संहिता, सुश्रुत संहिता, बागभट्ट जैसे विषयों का अध्ययन कर सकते हैं।
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इन क्षेत्रों में भी अपार संभावनाएं
इसके साथ ही वास्तु ज्योतिष शास्त्र, योग, वैदिक गणित, वेद विज्ञान, इतिहास, 18 पुराण के अध्ययन से अलग-अलग क्षेत्र में जाने की अपार संभावनाएं हैं। शास्त्री की पढ़ाई करने के बाद जिस तरह से अभ्यर्थी ग्रेजुएशन करने के बाद कोई भी एसएससी, एमपीपीएससी या अन्य कंपटीशन एग्जाम दे पाते हैं, उसी तरह शास्त्री के अभ्यर्थी भी एग्जाम देने के पात्र होते हैं। यह भी पढ़ें- अब खुले बोरवेल की सूचना दें और पाएं 10 हजार रुपए इनाम, अपने फोन में सेव कर लें ये नंबर