बसंत मेहर के मुताबिक, शिव प्रसाद धुर्वे आठवीं कक्षा तक ही पड़ा है।उसकी हरकतों की ही वजह से उसे आठवीं कक्षा के बाद स्कूल प्रबंधन द्वारा स्कूल से निकाल दिया गया था।आदिवासी गोंड जनजाति से ताल्लुक रखने वाला है। केकरा गांव के लोगों की मानें तो शिव बचपन से ही गुस्सैल स्वभाव का था। यही नहीं उसे हमेशा अकेले रहना ही पसंद था। शिव प्रसाद धुर्वे परिवार में सबसे छोटा है। उसका बड़ा भाई पुणे में मजदूरी करता है, जबकि दोनों बहनों की शादी हो चुकी है। ग्रामीणों के अनुसार, शिव के पिता की डेढ़ एकड़ कृषि भूमि है, जिससे उनके परिवार की आजीविका चलती है।
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हर कभी गांव के लड़कों को भी पीट देता था शिव धुर्वे
वहीं, ग्रामीणों ने बताया कि, शिव जब स्कूल में पढ़ता था, तब वह मामूली बातों पर गांव के ही लड़के – लड़कियों को पीट देता था। यही वजह है कि, पूरा गांव में उसका एक बी दोस्त नहीं है। उन्होंने कहा कि, करीब पांच साल पहले जब शिव प्रसाद 14 साल का था, तो वो अपने घर से भागकर पुणे चला गया। वहां उसने एक होटल में काम करना शुरु कर दिया। बीच बीच में कुछ दिनों के लिए वो पुणे से ही गांव आया करता था।
रक्षाबंधन पर आया था गांव
उन्होंने बताया कि एक बार पुणे में उसका अपने नियोक्ता के साथ विवाद हुआ था। इसके बाद उसने अपने नियोक्ता को इतनी पीटा कि उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था. इस घटना के बाद शिव प्रसाद को बाल सुधार गृह भेज दिया गया था। लेकिन, बाद में उसके पिता ने उसकी जमानत करवाली ली। घटना के बाद वो काम करने के लिए गोवा चला गया, जहां उसने थोड़ी-बहुत अंग्रेजी बोलना सीख ली। पिछली बार वो 11 अगस्त को रक्षाबंधन पर अपने गांव आया था।
तो इसलिए कर रहा था चौकीदारों की हत्या
सागर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक अनुराग ने बताया कि शुक्रवार तड़के भोपाल से गिरफ्तार किए गए शिव प्रसाद ने सागर में 4 चौकीदारों और भोपाल में भी दो चौकीदारों की हत्या की। घटना के समय सभी चौकीदार ड्यूटी पर तैनात रहकर सो रहे थे। उन्होंने कहा कि, अब तक की पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी द्वारा हत्या करने का उद्देश्य नकारात्मक ख्याति प्राप्त करना और पैसा कमाना था।
सोशल मीडिया से सीखता था मर्डर का तरीका
पुलिस महानिरीक्षक अनुराग ने उसके वारदात को अंजाम देने तरीके के बारे में बताया कि वह रात्रि के समय सोते हुए अकेले व्यक्ति को निशाना बनाता था और उनकी हत्या कर उनसे मोबाइल और पैसे लूट लेता था। उन्होंने कहा कि शिव प्रसाद सोशल मीडिया पर वीडियो क्लिप देखता था और एक सामान्य अपराधी की तरह दिखता है और वो मनोरोगी प्रतीत नहीं होता है।
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