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दस साल से था आरपीएफ श्वान दल, केवल एक हैंडलर होने से इटारसी किया शिफ्ट

अब संदिग्ध मामलों में जांच करने में होगी परेशानी

सागरJan 03, 2025 / 12:17 pm

sachendra tiwari

श्वान दल भवन में डला ताला

बीना. रेलवे स्टेशन पर जांच के लिए श्वान दल की पदस्थापना करीब दस साल पहले की गई थी, जिनसे समय-समय पर स्टेशन व टे्रन में जांच कराई जाती थी, इसके अलावा जब भी देश में किसी भी वजह से जब रेड अलर्ट किया जाता था, तो श्वान दल से स्टेशन व टे्रन में जांच कराई जाती थी, लेकिन अब स्टेशन पर ऐसा नहीं हो सकेगा, क्योंकि बीना में यह व्यवस्था खत्म करके इसे इटारसी शिफ्ट कर दिया गया है।
दरअसल जंक्शन पर जांच के लिए करीब दस साल पहले श्वान दल की पदस्थापना की गई थी, लेकिन धीरे-धीरे हैंडलर की कमी होने के कारण श्वान के लिए इटारसी भेज दिया गया है। इसके बाद अब जंक्शन पर जरूरत पडऩे पर दूसरी जगह से श्वान दल बुलाना पड़ेगा। जिस समय यहां पर श्वान दल की पदस्थापना की गई थी, उस समय पर्याप्त हैंडलर भी थे, लेकिन धीरे-धीरे दूसरी जगह पोस्टिंग होने के बाद यहां पर डॉग को हैंडिल करने में दिक्कत होने लगी थी। साथ ही हैंडलर न मिलने के कारण उन्हें इटारसी शिफ्ट करना पड़ा।
दी जाती है विशेष ट्रेनिंग
श्वान दल के हैंडलर के लिए विशेष रूप से ट्रेनिंग दी जाती है, जो कि जगह-जगह जाकर जांच करते हैं। डॉग से कहां और किस तरह से जांच करानी है यह ट्रेनिंग में बताया जाता है। किसी भी अनट्रेंड व्यक्ति के लिए हैंडलर नहीं बनाया जाता है।
चौबीस घंटे कर रहा था एक ही हैंडलर ड्यूटी
श्वान दल में अब केवल एक ही कर्मचारी हैंडलर की ड्यूटी कर रहा था। चूंकि श्वान के लिए अकेला नही छोड़ा जा सकता है। यदि हैंडलर न होने पर श्वान के साथ कोई घटना घट जाए, तो कर्मचारी की नौकरी भी खतरे में पड़ सकती है, लेकिन यहां पर श्वान दल को इटारसी शिफ्ट कर दिया है।

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