सागर. भगवान महावीर स्वामी का 2551 वां निर्वाण महोत्सव शुक्रवार 1 नवंबर को मनाया गया। जैन मंदिरों में महिलाओं ने लाडू बनाकर तैयार किए थे, जहां लाडू बनाओ प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। सुबह 6 बजे से अभिषेक के उपरांत शांतिधारा बोलियों के माध्यम से संपन्न हुई। भगवान महावीर स्वामी की पूजन मंगलाष्टक पढऩे के बाद लाडू चढ़ाने की बोली लगाई गई, बाद में श्रावकों को लाडू चढ़ाने का अवसर प्राप्त हुआ।
कटरा स्थित पार्श्वनाथ मंदिर और गौराबाई मंदिर में भी उत्साह के साथ श्रद्धालुओं ने लाडू चढ़ाया। मंगलगिरी तीर्थक्षेत्र व मकरोनिया के सभी जैन मंदिरों मे लाडू चढ़ाकर एक-दूसरे को दीपावली की शुभकामनाएं दी गईं। पूरे देश में वर्षायोग चातुर्मास कर रहे सभी जैनाचार्य, मुनिराजों और आर्यिकाओं के चातुर्मास का निष्ठापन भी एक नवंबर को हो गया। इस दिन सभी साधुओं का उपवास रहा। इसके पश्चात पिच्छिका परिवर्तन के कार्यक्रम अलग-अलग तारीखों में होंगे। गुरु पूर्णिमा पर कलश स्थापना के साथ चातुर्मास शुरु हुआ था, दीपावली पर निर्वाणोत्सव के उपरांत चातुर्मास का निष्ठापन हो गया। पिच्छिका परिवर्तन के उपरांत अब साधु संघों के बिहार दूसरे स्थलों के लिए होना प्रारंभ हो जाएंगे। सागर जिले के शाहपुर में विराजमान आर्यिका विलक्षणमति ससंघ का पिच्छिका परिवर्तन समारोह 3 नवंबर को दोपहर में होगा।
कटरा स्थित पार्श्वनाथ मंदिर और गौराबाई मंदिर में भी उत्साह के साथ श्रद्धालुओं ने लाडू चढ़ाया। मंगलगिरी तीर्थक्षेत्र व मकरोनिया के सभी जैन मंदिरों मे लाडू चढ़ाकर एक-दूसरे को दीपावली की शुभकामनाएं दी गईं। पूरे देश में वर्षायोग चातुर्मास कर रहे सभी जैनाचार्य, मुनिराजों और आर्यिकाओं के चातुर्मास का निष्ठापन भी एक नवंबर को हो गया। इस दिन सभी साधुओं का उपवास रहा। इसके पश्चात पिच्छिका परिवर्तन के कार्यक्रम अलग-अलग तारीखों में होंगे। गुरु पूर्णिमा पर कलश स्थापना के साथ चातुर्मास शुरु हुआ था, दीपावली पर निर्वाणोत्सव के उपरांत चातुर्मास का निष्ठापन हो गया। पिच्छिका परिवर्तन के उपरांत अब साधु संघों के बिहार दूसरे स्थलों के लिए होना प्रारंभ हो जाएंगे। सागर जिले के शाहपुर में विराजमान आर्यिका विलक्षणमति ससंघ का पिच्छिका परिवर्तन समारोह 3 नवंबर को दोपहर में होगा।