जमीनी प्रयास नहीं
यह वही जगह है जहां पर बरसात के समय में नदी की धार बांध से सीधा टकराती है। सबसे हैरानी की बात यह है कि इस समस्या की जानकारी लगने के बाद भी पिछले दो सालों में सिर्फ कागजी कार्रवाई ही की जा रही है।
अब तक बांध को सुधारने की दिशा में कोई प्रयास जमीनी स्तर पर नहीं हो सके हैं। बांध में मरम्मत का कार्य करवाने के लिए निगम परिषद में लिए गए निर्णय के मुताबिक प्रशासन ने राज्य शासन को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि बांध के मरम्मत सिंचाई विभाग से करवाई जाए। इसके साथ एक पत्र सिंचाई विभाग को भी लिखा गया है जिसमें उनसे बांध को मरम्मत कार्य के लिए हैंडओवर करने का आग्रह किया गया है, ताकि भविष्य में किसी प्रकार की घटना न हो।
यह वही जगह है जहां पर बरसात के समय में नदी की धार बांध से सीधा टकराती है। सबसे हैरानी की बात यह है कि इस समस्या की जानकारी लगने के बाद भी पिछले दो सालों में सिर्फ कागजी कार्रवाई ही की जा रही है।
अब तक बांध को सुधारने की दिशा में कोई प्रयास जमीनी स्तर पर नहीं हो सके हैं। बांध में मरम्मत का कार्य करवाने के लिए निगम परिषद में लिए गए निर्णय के मुताबिक प्रशासन ने राज्य शासन को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि बांध के मरम्मत सिंचाई विभाग से करवाई जाए। इसके साथ एक पत्र सिंचाई विभाग को भी लिखा गया है जिसमें उनसे बांध को मरम्मत कार्य के लिए हैंडओवर करने का आग्रह किया गया है, ताकि भविष्य में किसी प्रकार की घटना न हो।
एेसे हुआ था खुलासा
राजघाट बांध के सूत्रधार व तत्कालीन कलेक्टर ने पिछले वर्ष शहर प्रवास के दौरान बांध का निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्होंने सड़क धसने की घटना को गंभीरता से लिया और फिर बांधों के रखरखाव का काम करने वाली शासकीय एजेंसी बोधि (ब्यूरो ऑफ डिजाइन्स) से बांध का सर्वे करवाया था। सर्वे की रिपोर्ट में बोधि ने बांध में मरम्मत की आवश्यकता बताई थी और तब से लेकर आज तक सिर्फ कागजी कार्रवाई ही की जा रही है।
एेसे हुई लापरवाही
01. बांध निर्माण के बाद से उस पर से भारी वाहनों की आवाजाही रही।
02. करीब दो साल पहले सड़क धसकने के बाद पुल के बाद सड़क पर हाई गेज लगा दिया गया।
03. निगम प्रशासन ने बांध की दरारों को भरवा दिया जिसके कारण वह ऊपर से ठीक दिखने लगा।
04. बरसात के बाद बांध ने और बैठक ली और अब सड़क का एक हिस्सा करीब 4 इंच धसक गया है।
महापौर अभय दरे से सीधी बात
सवाल- बांध की मरम्मत कराने संबंधी कार्य का क्या हुआ?
जवाब- राज्य शासन को करीब एक महीने पहले पत्र लिखा है, सिंचाई विभाग ही मरम्मत कर सकता है।
सवाल- क्या आपको बांध की वर्तमान स्थिति की जानकारी है?
जवाब- हां, बांध लगातार धसक रहा है। निगम के इंजीनियर इतने सक्षम नहीं कि वह बांध देख सकें, इसलिए सिंचाई विभाग को पत्र लिखा है।
सवाल- सुधार कार्य कब तक शुरू हो सकता है?
जवाब- राजघाट के सूत्रधार बीआर नायडू हमेशा की तरह हमारा सहयोग कर रहे हैं। हमने भी पत्राचार किया है, जल्द ही व्यक्तिगत रूप से भोपाल में इस दिशा में प्रयास करूंगा ताकि समय रहते सुधार कार्य शुरू हो सके।