भक्तों के लिए स्वादिष्य व्यंजन आगरा के 50 रसोईया बना रहे हैं। वहीं पूड़ी और रोटी बेलने के लिए सागर जिले की 200 महिलाएं काम कर रही हैं। भोजनशाला में हर रोज सब्जी 60 हजार रुपए से अधिक की सब्जी की खपत हो रही है। 10 क्विंटल आलू, 6 क्विंटल टमाटर, 5 क्विंटल लौकी सहित कई सब्जियां सुबह 4 बजे ही सब्जी मंडी से आ जाती हैं। इसके साथ 25 गैस सिलेण्डर की खपत रोज हो रही है।
8 बड़ी भटियों का इंतजाम खाना बनाने के लिए किया गया है। परोसने के लिए 20 हजार से अधिक प्लेट हैं। भक्तों की संख्या अधिक होने की वजह से हर दिन 20 हजार प्लेटों को 3 से 4 बार धुलने का काम हो रहा है। रोज 80 हजार से ज्यादा भक्त खाना खा रहे हैं। प्लेट धूलने में ही 200 से अधिक लोगों को लगाया गया है। बर्तनों के लिए विभिन्न टेंट हाउस के साथ सिंधी कैंप और भगवान गंज स्थित गुरुद्वारा से मंगाया गया है।
सैकड़ों सेवादार दे रहे हैं सेवा
अजित सिंह आहूवालिया और चंद्रभान बुधवानी ने बताया कि हजारों सेवादार निरूशुल्क सेवा दे रहे हैं। राशन का इंतजाम आयोजक समिति कर रही है। खाना परोसने के लिए सिख और सिंधी समाज के लोगों की टीम लगी हुई है। बंडा से भी 50 से अधिक लड़कियों की टीम आई है। कर्रापुर से अजीत सिंह चील पहाड़ी के सेवादार भी यहां वितरण की सेवा में जुटे हैं। इसके अलावा साधु-संतों के लिए अलग खाना बनाया जा रहा है। करीब 2000 लोगों का खाना अलग बन रहा है।