रहली. समर्थन मूल्य की खरीदी 20 अक्टूबर से शुरू होनी थी। इसके लिए रहली ब्लॉक में चार केंद्र तय किए गए थे, लेकिन 10 दिन बाद भी खरीदी शुरू नहीं हो पाई है। किसानों को मोबाइल पर लगातार मैसेज प्राप्त हो रहे हैं और किसान अपनी उपज लेकर कृषि उपज मंडी पहुंच रहे हैं। लेकिन यहां ना तो केन्द्र नजर आ रहे हैं और न ही केन्द्र प्रभारी। ऐसे में किसान उपज लेकर भटक रहे हैं।
रहली कृषि उपज मंडी में चार केन्द्र जूना, खैराना, छिरारी एवं बलेह को स्थान आवंटित किया गया है। जहां उड़द की समर्थन मूल्य पर खरीदी की जानी है। सोमवार को यहां केवल खाली बारदाने की गठानें ही रखी थीं। चार में से एक भी केन्द्र का प्रभारी या अन्य सहायक मौजूद नहीं था। मोबाइल पर मैसेज मिलने के बाद मंडी में अपनी उपज बेचने आए किसान कृष्ण कुमार कुर्मी ने बताया कि खैराना सोसायटी में माल विक्रय होना है, लेकिन तीन घंटे से यहां से वहां भटक रहे हैंं। केन्द्र प्रभारी का पता ही नहीं और ये भी जानकारी नहीं कि यहां किस स्थान पर खैराना सोसायटी का मामल खरीदा जाएगा।
किसान संजय पचौरी ने बताया कि 10 एकड़ का पंजीयन कराया था, जिसके हिसाब से 20 क्विंटल का मैसेज आना था, लेकिन मोबाइल पर केवल 2 क्विंटल का मैसेज आया है। अब यदि केवल इतना ही माल लेकर मंडी आएं तो अलग-अलग आना होगा। पटवारी इस संबंध में कोई जवाब नहीं दे सके। ऐसा लगभग सभी किसानों के
साथ हो रहा है।
शासन के निर्देशानुसार ही समर्थन मूल्य की खरीदी कि जाएगी एप की त्रुटि के कारण किसानों को अधूरे एसएमएस आ रहे हैं। सभी केन्द्र प्रभारी मंडी में अपने स्थान पर उपज लेने के लिए तैयार हैं जैसे ही किसान माल लेकर पहुचेंगे, खरीदी शुरू की जाएगी।।
निशांत पाण्डे, खाद्य निरीक्षक
व्यापारी और मंडी कर्मचारियों की मिलीभगत, किसान परेशान
गौरझामर में नगर के किसान इन दिनों बेहद परेशान हैं। इसका कारण व्यापारी और मंडी कर्मचारियों की मिलीभगत है। किसानों ने बताया कि व्यापारी एक राय होकर हम किसानों का सोयाबीन बहुत कम रेट पर खरीद रहे हैं। इस संबंध में भारतीय किसान संघ के जिला उपाध्यक्ष जितेंद्र जैन और समस्त किसानों ने रोड पर बैठकर अपना विरोध जताया। देवरी मंडी सचिव संतोष दुबे को जानकारी लगी तो वे तत्काल गौरझामर मंडी पहुंचे और किसान और व्यापारियों में समझौता करते हुए दोबारा बोली लगवाने की प्रक्रिया चालू कराई।
वहीं कुछ किसानों ने बताया कि व्यापारी और मंडी कर्मचारियों की मिलीभगत से हम किसान भाइयों को लूटा जा रहा है और अगर इस तरह से हम किसानों की अनदेखी की गई हम सब किसान मिलकर इसका विरोध करेंगे। किसानों ने बताया कि हम सोमवार को लगभग 12 बजे के आए हुए हैं पर 3 बजने को हैं फिर भी हमारी ट्रॉली नहीं ली गई व्यापारी हम लोगों को इसी तरह से परेशान कर रहे हैं।
व्यापारियों और मंडी कर्मचारियों की मिली भगत से किसान परेशान हैं, उनके साथ लूट हो रही है। व्यापारी
चाहते हैं कि किसान मंडी में अपना अनाज न ला कर सीधे उनकी दुकान लाएं।
जितेंद्र जैन, जिला उपाध्यक्ष, भारतीय किसान संघ