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शरद पूर्णिमा पर देख परख कर लें मावा, कहीं आपको बीमार न कर दे मिठाई

खाद्य विभाग सुस्त, स्वयं बरतें सावधानी सागर. शरद पूर्णिमा पर महिलाएं व्रत रखकर भगवान विष्णु को मावा के लड्डुओं का भोग लगाएंगी। 16 अक्टूबर के त्योहार को लेकर बाजार में सैकड़ों क्विंटल मावा की डिमांड है, लेकिन मांग अनुसार पूर्ति नहीं हो रही है। ऐसी स्थिति में बाजार में मिलावटी मावा की खपत होगी। जिले […]

सागरOct 15, 2024 / 01:19 am

नितिन सदाफल

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खाद्य विभाग सुस्त, स्वयं बरतें सावधानी

सागर. शरद पूर्णिमा पर महिलाएं व्रत रखकर भगवान विष्णु को मावा के लड्डुओं का भोग लगाएंगी। 16 अक्टूबर के त्योहार को लेकर बाजार में सैकड़ों क्विंटल मावा की डिमांड है, लेकिन मांग अनुसार पूर्ति नहीं हो रही है। ऐसी स्थिति में बाजार में मिलावटी मावा की खपत होगी। जिले में मावा की मांग पूरी करने मिलावटखोरों ने ग्लालियर-चंबल क्षेत्र सहित यूपी से नकली मावा की खेप मंगाई है। वहीं खाद्य विभाग कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करता दिख रहा है। रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड पर बस व ट्रेनों से आने वाली सामग्री की जांच नहीं हो रही है। त्योहार पास आने के पहले इन स्थानों पर अगर जांच की जाए तो नकली मावा पर कुछ अंकुश लग सकता है। शहर के लोग स्वयं सावधानी बरतें और शरद पूर्णिमा पर देख परख कर ही मावा खरीदें।

इन सामग्री की होती है मिलावट

जानकारों की मानें तो मिल्क व अन्य पाउडर, चूना, चॉक और सफेद केमिकल्स, दूध में यूरिया, डिटर्जेंट पाउडर और वनस्पति घी मिलाकर नकली मावा बनाया जाता है। कुछ लोग सिंथेटिक दूध बनाने के लिए मामूली वॉशिंग पाउडर, रिफाइंड तेल, पानी और शुद्ध दूध को मिलाते हैं, इससे एक लीटर शुद्ध दूध से 20 लीटर सिंथेटिक दूध बन जाता है और इस दूध से मावा तैयार हो जाता है। मावा में शकरकंद, सिंघाड़े का आटा, मैदा या आलू भी मिलाते हैं। यह मावा जानलेवा भी हो सकता है।
सस्ते के चक्कर में न रहें, घर पर भी बना सकते हैं
बाजार में इस समय करीब 400 से 450 रुपए किग्रा मावा बेचा जा रहा है, कुछ दुकानदार सस्ता भी बेच रहे हैं, इसमें मिलावट की आशंका बनी रहती है। शरद पूर्णिमा की पूजा के लिए लोग दुकानों से ही मावा खरीदकर ले जाते हैं, जबकि महिलाएं पूजा के पहले घर पर ही दूध से मावा बना सकतीं हैं, जो ताजा होगा और केमिकल फ्री होगा।

पहचानने के ये हैं तरीके

-असली मावा मुलायम और नकली दरदरा रहता है।
-खाने पर असली मावा मुंह में चिपकेगा नहीं जबकि नकली चिपक जाएगा।
-मावा की गोली बनाने पर वह फटने लगे तो मिलावटी है।
-थोड़े से मावा को रगड़ें, इसमें घी की सुगंध आए तो असली है।
-असली मावा खाने पर कच्चे दूध जैसा स्वाद आता है।
-चीनी डालकर गरम करने से पानी निकले तो यह नकली है।
-असली पानी में जल्दी घुल जाएगा, नकली नहीं।
-चिपचिपा लगे तो मिलावटी है, असली मुलायम होता है।
-पानी में मावा घोलने से यदि दानेदार टुकडों में अलग हो जाए तो नकली है।
मावा में यदि आलू, मैदा व सिंघाड़े के आटा जैसी खाद्य सामग्री की मिलावट होती है तो उससे ज्यादा से ज्याद पेट की समस्याएं हो सकती हैं, लेकिन यदि डिटर्जेंट पाउडर व केमिकल की मिलावट होती है तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
डॉ. राजेश पटेल, गैस्ट्रोलॉजिस्ट बीएमसी।

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