शहर में राष्ट्रीय स्तर की बड़े-बड़े ब्रांच के कोचिंग संस्थान खुल रहे हैं। नीट और जेईई की तैयारी के लिए दो नेशनन स्तर के कोचिंग पिछले दो सालों में खुल गए हैं। इसके अलावा एमपीपीएससी, बैंक सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कराने के लिए भी राष्ट्रीय स्तर की कोचिंग की बड़ी ब्रांच आ गई हैं। इन कोचिंग की शहर में ही सुविधा मिलने से हर वर्ष बाहर जाने वाले करीब 10 हजार युवा शहर में ही पढ़ाई कर रहे हैं। पहले कोचिंग के लिए कोटा, भोपाल, इंदौर और दिल्ली जैसे शहरों का रुख करना पड़ता था।
मकरोनिया स्थित कोचिंग के मैनेजर मनीष विश्कर्मा ने बताया कि नीट और जेईई की कोचिंग करने के लिए शहर से हर वर्ष 5 हजार से ज्यादा बच्चे इंदौर और कोटा जाते थे। उन्होंने बताया कि दो वर्षों से बच्चे यहीं रहकर तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनकी ही कोचिंग में लगभग 2 हजार विद्यार्थियों ने नीट और जेईई के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है। सागर में रहकर विद्यार्थियों ने बाजी मारी है। उन्होंने बताया कि स्थानिय स्तर के करीब 5 कोचिंग संस्थानों में तैयारी कराई जा रही है। अभिभावक भी बच्चों को अपने शहर में पढ़ाना पसंद कर रहे हैं।
शिक्षक सौरभ राय ने बताया कि कुछ वर्षों में बड़े-बड़े ब्रांच के कोचिंग संस्थान यहां आ गए हैं। आने वाले दिनों में यह संख्या अधिक बढ़ेगी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2008 में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए सागर में अच्छा प्राइवेट कॉलेज नहीं था, लेकिन अब दर्जनों कॉलेज हैं। शहर में बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज और केंद्रीय डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय है। इन संस्थानों में देशभर के विद्यार्थी दाखिला लेने चाहते हैं। इस वर्ष ही रानी अवंतिबाई विश्वविद्यालय में भी दाखिले शुरू हो गए। इन संस्थानों में देशभर के विशेषज्ञ शिक्षक पढ़ा रहे हैं।
प्रतियोगी परीक्षा के कोचिंग संचालक शैलेंद्र तिवारी ने बताया कि शहर में निजी कॉलेज और कोचिंग की संस्थानों की संख्या लगातार बढ़ी है। उन्होंने बताया कि कोई भी प्रतियोगी परीक्षा के लिए शहर के बच्चों को बाहर जाकर पढ़ाई करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने बताया कि सिविल जज, जनपद सीइओ, डीप्टी कलेक्टर सहित अन्य विभागों में बड़ी संख्या में यहां के विद्यार्थियों का चयन हुआ है। अभिभावकों का भी भरोसा बढ़ रहा है।