बीना. किसान पिछले कई माह से सोयाबीन के दाम छह हजार करने की मांग कर रहे थे, जिसपर सरकार ने सिर्फ 4890 रुपए समर्थन मूल्य तय किया है और इसके लिए पंजीयन भी किए जा रहे हैं। पंजीयन की अंतिम तारीख आज है, लेकिन सोयाबीन की बोवनी के अनुसार बहुत कम किसानों ने पंजीयन कराए हैं।
जानकारी के अनुसार ब्लॉक में 41 हजार 660 हेक्टेयर में सोयाबीन की बोवनी हुई है। सोयाबीन की बोवनी करने वाले करीब पंद्रह हजार किसान हैं, लेकिन 19 अक्टूबर तक 8389 हेक्टेयर के रकबा में 2364 किसानों ने ही पंजीयन कराए हैं। जबकि मंडी में इसी माह में 18 अक्टूबर तक करीब चालीस हजार ङ्क्षक्वटल की आवक हो चुकी है। मंडी में दाम भी कम मिल रहे हैं, लेकिन किसानों को तत्काल रुपयों की जरूरत है और वह नकद में उपज बेच रहे हैं, जिससे समय पर वह रबी सीजन की बोवनी कर सकें। किसानों का कहना है कि सरकार को समर्थन मूल्य करीब 6000 रुपए करना था और समय पर पंजीयन कराकर खरीदी शुरू करानी थी।
होना पड़ता है परेशान समर्थन मूल्य में उपज बेचने के लिए सोयाबीन की सफाई करनी पड़ेगी और सुखाना पड़ेगा, जिसमें किसानों का समय बर्बाद होगा। साथ ही सोयाबीन का वजन भी घट जाएगा। इसके अलावा उपज समर्थन मूल्य पर बेचने के बाद किसानों को रुपए आने का इंतजार करना पड़ता है। सभी परेशानियों से बचने के लिए किसान कृषि उपज मंडी में व्यापारियों को अपनी उपज बेचना उचित समझ रहे हैं।
धान के 119 किसानों ने कराए पंजीयन क्षेत्र मेें धान की बोवनी 3140 हेक्टेयर में हुई है और 119 किसानों ने पंजीयन कराया है, लेकिन ज्वार और बाजार बेचने के लिए एक भी पंजीयन नहीं हुआ है। धान का समर्थन मूल्य 2300 रुपए निर्धारित किया गया है।