सागर जिले के खुरई के बरोदिया नोनागिर 5 साल पुराना एक मामला फिर चर्चा में है। छेड़छाड़ की घटना से शुरू हुआ विवाद दो हत्याओं तक पहुंच गया। पुलिस पर आरोपियों को बचाने के आरोप लगे। एक युवती ने शव वाहन से कूदकर खुदकुशी कर ली तो मामला और गर्म हो गया। इस बीच बुधवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव पीडि़त परिवारों से मिलने गांव पहुंचे।
उन्होंने करीब 50 मिनट बिताए और दोनों पक्षों की बात सुनी। लोगों की मांग पर तत्काल पुलिस चौकी खोलने और मृतक के परिवार को 8.25 लाख की सहायता राशि देने की घोषणा की। इस बीच मामले पर सियासत भी शुरू हो गई है। विवाद की शुरुआत 2019 में हुई। तब अंजना अहिरवार ने छेड़छाड़ के आरोप में आजाद सिंह, विशाल, पुष्पेंद्र और छोटू उर्फ विकास पर एससी एक्ट और मारपीट का केस दर्ज कराया था। सभी आरोपी जेल गए और जमानत पर बाहर आ गए।
अगस्त 2023 में यह मामला फिर सुर्खियों में आया, जब आरोपी पक्ष नामजद आजाद, विशाल, पुष्पेंद्र, छोटू और इनके परिवार के लोग राजीनामे के लिए दबाव बना रहे थे। बात नहीं बनी तो कई लोगों ने मिलकर भरे बाजार में अंजना के छोटे भाई नितिन अहिरवार की हत्या कर दी। इसके बाद अहिरवार पक्ष के घर में दबंगों ने घुसकर मारपीट और तोडफ़ोड़ की। अंजना की मां को डंडों से पीटा और कपड़े फाडऩे का आरोप लगा। इसमें भी अंजना ने केस दर्ज कराया। इसमें 13 नामजद हुए। 12 अभी जेल में हैं, एक जमानत पर है।
MP CM Mohan Yadav: झारखंड और पंजाब में दहाड़े एमपी सीएम, बोले ‘संविधान की दुहाई देने वाली कांग्रेस ने हमेशा उसे खतरे में रखा’
दोनों पक्षों के घर पहुंचे सीएम
मुख्यमंत्री डॉ. यादव मृतक राजेंद्र अहिरवार के घर भी पहुंचे। परिजनों को आरोपियों पर सख्त कार्रवाई करने का भरोसा दिया। परिवार के लिए 8.25 लाख रुपए की सहायता भी मंजूर की। इसके बाद 25 मई को विवाद में घायल पप्पू रजक के घर भी गए। पत्नी से जानकारी ली। यह भी कहा- जांच में जो दोषी होगा, उस पर कार्रवाई होगी। इस दौरान मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, खुरई विधायक भूपेन्द्र सिंह, विधायक प्रदीप लारिया, निर्मला सप्रे, अरुणोदय चौबे आदि उपस्थित थे। बता दें, सोमवार को राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह, फिर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे थे।कांग्रेस को नसीहतः राजनीति न करें
सीएम ने मीडिया से कहा कि यहांबार-बार घटनाएं हुई हैं। इसलिए ऐसा प्रबंधन होगा कि पुनरावृत्ति न हो। इस पर सीएम बोले- निष्पक्ष जांच की जा रही है। इसमें राजनीति न की जाए।दिग्विजय ने कहा- चाचा-भतीजी को समझौते के लिए बुलाया था
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट किया। इसमें विधायक भूपेंद्र सिंह और अंजना अहिरवार की बातचीत है। उधर, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार ने भी निशाना साधा है।भूपेंद्र सिंह ने कहा- पटवारी ने जिसकी बात राहुल से कराई उस पर नौ केस
विधायक भूपेंद्र सिंह बोले- रजक व अहिरवार पक्ष का विवाद है। उसने रजक परिवार को मारा। इसमें राजेंद्र राजीनामे का दबाव बना रहा था। उस पर 13 केस हैं। जीतू पटवारी ने जिसकी बात राहुल गांधी से कराई उस पर नौ केस हैं।क्या बोले विधायक
मकरोनिया विधायक प्रदीप लारिया ने प्रेसवार्ता में कहा, अंजना ने 2019 में छेड़छाड़, मारपीट की शिकायत की थी। पुलिस ने सामान्य मारपीट का केस दर्ज किया। कमलनाथ सरकार सख्त कार्रवाई करती तो सागर में यह घटना नहीं होती।ये है पूरा मामला
- वर्ष 2019 में बरोदिया की अंजना अहिरवार ने छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए चार लोगों पर हरिजन एक्ट और मारपीट की एफआईआर खुरई थाने में दर्ज कराई थी। इसमें आरोपी थे आजाद सिंह, विशाल, पुष्पेंद्र और छोटू उर्फ विकास। इसमें सभी आरोपी जेल गए और जमानत पर बाहर आ गए।
आरोपी पक्ष राजीनामे के लिए दबाव बना रहे थे
- अगस्त 2023 में आरोपी पक्ष अंजना के द्वारा कराई एफआईआर में नामजद आजाद सिंह, विशाल, पुष्पेंद्र , छोटू और इनके परिवार के लोग राजीनामे के लिए दबाव बना रहे थे। इस मामले में बात नहीं बनी और कई लोगों ने मिलकर भरे बाजार में अंजना के छोटे भाई नितिन अहिरवार की हत्या कर दी। इसके बाद अहिरवार पक्ष के घर में दबंगों ने घुसकर मारपीट और तोड़फोड़ की। इसी में अंजना की मां के साथ डंडों से मारपीट करने और कपड़े फटने का आरोप लगा था। इसकी एफआईआर भी अंजना ने कराई थी जिसमें 13 लोग नामजद हुए। इसमें से वर्तमान में 12 जेल में हैं, एक जमानत पर है।