ये है मजबूर मां की कहानी
जेल में रहकर सजा काटने के बावजूद अपनी बेटियों की हर तकलीफ से लड़ने वाली इस मां का नाम कृष्णा तिवारी है। कृष्णा सागर की सेंट्रल जेल के महिला वार्ड में कैदी है। टीकमगढ़ जिले की खरगापुर तहसील के टीला गांव की रहने वाली कृष्णा हत्या के मामले में बीते 10 साल से सजा काट रही है। कृष्णा की 4 बेटियां हैं जो स्कूल में पढ़ाई कर रही हैं। कृष्णा का पति शराबी है और आए दिन कुछ न कुछ हरकतें करता रहता है जिसके कारण उसे पुलिस पकड़कर जेल में बंद करती है। बीते 2 साल से तो वो फरार चल रहा है और घर भी नहीं आता है ऐसे में घर में चारों बेटियां अकेली रहती हैं।
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ऐसे कर रही बेटियों की अच्छी परवरिश
कृष्णा भले ही खुद जेल में बंद है और अपने किए जुर्म की सजा काट रही है लेकिन इसके बावजूद वो अपनी बेटियों को अच्छी शिक्षा देकर अफसर बनाना चाहती है इसलिए बेटियों का प्राइवेट स्कूल में एडमीशन कराकर उन्हें पढ़ा रही है। जेल में रहते हुए कृष्णा अचार-पापड़ बनाने का और गेहूं की चुनाई करने का काम करती है। इससे जो भी पैसा मिलता है उसे जमा कर हर तीन महीने में पैरोल लेकर बेटियों के पास जाती है और बेटियों की जरुरत का सारा सामान खरीद देती है। स्कूल की फीस भर देती है। पैरोल के 15 दिनों में वह बेटियों की हर जरुरत पूरा करने की कोशिश करती है और उन्हें ढेर सारा प्यार देती है। कुछ आर्थिक मदद खेती से भी हो जाती है जिसे वो ठेके पर देती है। इतना ही नहीं कृष्णा की बेटियों को पढ़ाने की लगन देख कुच जेल अधिकारी भी उसकी मदद करते हैं।
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