इसी संदर्भ में शुक्रवार को संभागायुक्त कार्यालय में संभाग स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में कमिश्नर आशुतोष अवस्थी ने कहा कि पानी नहीं, तो कुछ नहीं। पानी के बिना जीवन की कल्पना भी बेमानी है। इसलिए हम सभी को समय रहते संभलने और वर्षा जल बचाकर अपना आने वाला कल बचाने की जरूरत है। यदि हम आज जल की उपयोगिता और इसके महत्व को नहीं समझ पाए, तो भविष्य में हम सबको भीषण जल संकट से सामना करना पड़ेगा।
इन जिलों में बनेंगे इतने तालाब
सागर 2500
दमोह- 1500
टीकमगढ़- 800
छतरपुर 1800
पन्ना 1000
खेतों में तालाब बनाने का लक्ष्य
सागर 800
दमोह 1000
टीकमगढ़ ७००
छतरपुर ६०५
पन्ना 500 कमिश्नर ने यह भी दिए निर्देश
सभी प्रकार के तालाब और गेबियन संरचनाओं का निर्माण कार्य हर हाल में 15 जनवरी 18 तक
प्रारंभ हो जाए।
हर ग्राम पंचायतों में 2 या इससे अधिक तालाबों का निर्माण कराएं।
संभाग के सभी जिलों में हर आरएईओ अपने-अपने क्षेत्र में 5-5 बलराम तालाबों का निर्माण कराएं।
एक ही गांव में ही 5 या इससे अधिक बलराम तालाब बना सकते हैं।
गांव का पानी गांव में और खेत का पानी खेत में की अवधारणा पर काम करना होगा।
सागर 2500
दमोह- 1500
टीकमगढ़- 800
छतरपुर 1800
पन्ना 1000
खेतों में तालाब बनाने का लक्ष्य
सागर 800
दमोह 1000
टीकमगढ़ ७००
छतरपुर ६०५
पन्ना 500 कमिश्नर ने यह भी दिए निर्देश
सभी प्रकार के तालाब और गेबियन संरचनाओं का निर्माण कार्य हर हाल में 15 जनवरी 18 तक
प्रारंभ हो जाए।
हर ग्राम पंचायतों में 2 या इससे अधिक तालाबों का निर्माण कराएं।
संभाग के सभी जिलों में हर आरएईओ अपने-अपने क्षेत्र में 5-5 बलराम तालाबों का निर्माण कराएं।
एक ही गांव में ही 5 या इससे अधिक बलराम तालाब बना सकते हैं।
गांव का पानी गांव में और खेत का पानी खेत में की अवधारणा पर काम करना होगा।
31 मार्च तक बने अधिकतम तालाब
कार्यशाला में कमिश्नर अवस्थी ने संभाग के सभी जिला पंचायतों के सीईओ को निर्देशित किया कि वे जलाभिषेक अभियान 2018 का प्रभावी क्रियान्वयन करें। 31 मार्च 2018 तक जिलों में अधिकाधिक सार्वजनिक तालाबों के निर्माण हो जाना चाहिए। इसके साथ ही जिले के हर गांव में एक-एक नाले में गेबियन संरचना (पानी रोकने की एक विषेष पद्धति) का निर्माण भी अवश्य कराएं। लक्ष्य को जल्द पूरा करने की तैयारी है।
जिला और ब्लॉक स्तरीय वर्कशॉप होंगी
अभियान के तहत तीन जनवरी को संभाग के सभी जिलों में जिलास्तरीय उन्मुखीकरण कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। पांच से 12 जनवरी के दौरान सभी जिलों में विकासखण्ड स्तरीय कार्यशालाएं होंगी। 15 से 25 जनवरी के दौरान ग्राम पंचायत स्तर पर कार्यक्रम और खेत तालाब निर्माण के लिए आवेदकों को मंजूरी आदि जारी की जाएंगी। संभाग के सभी जिलों में पुराने तालाबों में हुए अतिक्रमणों को सख्ती से हटाया जाए।
कार्यशाला में कमिश्नर अवस्थी ने संभाग के सभी जिला पंचायतों के सीईओ को निर्देशित किया कि वे जलाभिषेक अभियान 2018 का प्रभावी क्रियान्वयन करें। 31 मार्च 2018 तक जिलों में अधिकाधिक सार्वजनिक तालाबों के निर्माण हो जाना चाहिए। इसके साथ ही जिले के हर गांव में एक-एक नाले में गेबियन संरचना (पानी रोकने की एक विषेष पद्धति) का निर्माण भी अवश्य कराएं। लक्ष्य को जल्द पूरा करने की तैयारी है।
जिला और ब्लॉक स्तरीय वर्कशॉप होंगी
अभियान के तहत तीन जनवरी को संभाग के सभी जिलों में जिलास्तरीय उन्मुखीकरण कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। पांच से 12 जनवरी के दौरान सभी जिलों में विकासखण्ड स्तरीय कार्यशालाएं होंगी। 15 से 25 जनवरी के दौरान ग्राम पंचायत स्तर पर कार्यक्रम और खेत तालाब निर्माण के लिए आवेदकों को मंजूरी आदि जारी की जाएंगी। संभाग के सभी जिलों में पुराने तालाबों में हुए अतिक्रमणों को सख्ती से हटाया जाए।