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Breaking आचार्यश्री विद्यासागर का विहार, इस जिले के ओर बढ़े कदम, यहां हुए आहार VIDEO

आचार्यश्री विद्यासागर का दमोह से विहार, इस जिले के ओर बढ़े कदम, यहां हुए आहार

सागरApr 13, 2018 / 03:55 pm

Samved Jain

दमोह. जैन संत आचार्य विद्यासागर महाराज शुक्रवार की सुबह उमरी गांव से विहार करते हुए नरसिंहगढ़ ग्राम पहुंचे। जहां आचार्य संघ की भव्य अगवानी की गई। गुरु की एक झलक और दर्शन पाने के लिए पूरा शहर उमड़ पड़ा। हजारों लोग सड़कों पर गुरु के साथ चलते नजर आए। नमोस्तु…नमोस्तु…नमोस्तु गुरुवर और आचार्यश्री के जयकारों से हर गली, चौराहा गुंजायमान नजर आया।
 

जलसैलाब के साथ आचार्यश्री का ससंघ जैन मंदिर में प्रवेश होता है, जहां भगवान के दर्शन के बाद आचार्यश्री भक्तों को आशीर्वाद देते हैं। इसके बाद आचार्यश्री ने शाम को बटियागढ़ की ओर विहार किया। जिससे तय माना जा रहा है कि आचार्यश्री टीकमगढ़ की ओर विहार कर रहे है। टीकमगढ़ के जैन तीर्थ आहारजी पपौरा जी में आचार्यश्री के सानिध्य में १७ अप्रैल से बड़ा आयोजन होना है। इस दौरान भी बड़ी संख्या में भक्तगण गुरु के साथ विहार में शामिल रहे।
 

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दमोह में भक्तों ने की अगवानी


इसके एक दिन पहले गुरुवार की अल सुबह से अपने गुरु की अगवानी के लिए भक्तों में उत्साह देखा गया। सुबह ६ बजे से ही हजारों की संख्या में महिला, पुरुष, बच्चे, बूढ़े, युवा दमोह से विसनाखेड़ी तिराहे के लिए निकले। इधर आचार्य संघ का विहार भी दमोह की ओर शुरू हो चुका था। सुबह साढ़े ७ बजे जैसे ही आचार्यश्री मारूताल से निकलते हैं, दमोह में उत्सव शुरू हो जाता है। एक घंटे में ही आचार्य विद्यासागर ससंघ दमोह शहर में प्रवेश करते हैं। जहां बड़ी संख्या में भक्तगण गुरु की अगवानी करते हंै। यहां अल्प विश्राम के साथ आचार्यश्री का संघ आगे विहार करता है।
 

 

 

भक्त नहीं भांप पाए गुरु का मन, बदल गए रास्ते


आचार्यश्री के दमोह पहुंचने के पहले अटकलों का दौर जारी था। संभावनाएं थीं कि आचार्यश्री की आहारचर्या मारूताल या जबलपुर नाके पर हो सकती है। जानकारी यह भी आती है, कि गुरुवर सीधे सागर नाका जाएंगे, लेकिन गुरु कब किस और रुख कर जाएं यह किसी को नहीं पता होता है। विहार के दौरान भी ऐसा ही देखने मिला। पॉलीटेक्निक कॉलेज से विहार करते हुए जब जबलपुर नाके पहुंचे तो आगे चल रहे भक्त सागर नाके की ओर चलने लगे, लेकिन आचार्यश्री अचानक से चौराहे से मुड़ गए और रास्ता बदल लिया। ऐसा ही कुछ नजारा कीर्तिस्तंभ चौराहे पर भी देखने मिला। जब आचार्यश्री की अगवानी के लिए दूसरा रूट कीर्तिस्तंभ से घंटाघर होते हुए धर्मशाला माना जा रहा था, लेकिन यहां भी अचानक आचार्यश्री मुड़े और सीधे पुराना थाना होते हुए जैन धर्मशाला पहुंचे। इस दौरान गुरु की महिमा की लोग चर्चा करते नजर आए।
acharya vidyasagar maharaj
 

हजारों भक्तों ने एक साथ किया आचार्य पूजन


आचार्यश्री के ससंघ जैन धर्मशाला नन्हें मंदिर पहुंचते ही हजारों की संख्या में भक्तगण परिसर में एकत्रित हो गए। जिसे जहां जगह मिली रुक गया। सभी बस गुरु की एक झलक के लिए बेताव नजर आए। यहां भी आचार्यश्री मंच को छोड़कर कक्ष की बालकनी से भक्तों से रूबरू हुए। जहां सबसे पहले भक्तों ने सामूहिक रूप से आचार्य विद्यासागर का पूजन किया। इसके बाद आरती हुई। इस दौरान गुरु के जयकारों से पूरा परिसर गुंजायमान रहा। इसके बाद आचार्यश्री के संक्षिप्त प्रवचन हुए।
 

acharya vidyasagar maharaj
 

आहार के लिए लगे सैकड़ों चौक, अद्भुत रहा नजारा

सुबह करीब ९.४० पर आचार्यश्री, सभी मुनि महाराज और आर्यिकाएं आहार के लिए निकले। जहां चारों ओर सैकड़ों श्रावक-श्राविकाएं आचार्यश्री के हाथों में श्रीफल व अन्य विधियां लेकर पडग़ाहन करते हुए नजर आए। एक साथ हजारों श्रावक-श्राविकाओं द्वारा हे स्वामी नमोस्तु, नमोस्तु, नमोस्तु किया जा रहा था, जिससे पूरा परिसर धर्म से सराबोर नजर आया। आचार्यश्री विद्यासागर के आहार ब्रह्मचारी स्वतंत्र भैया के घर पर हुए। इसी तरह का नजारा शुक्रवार को नरसिंहगढ़ में भी देखने मिला। आचार्यश्री शुक्रवार की रात नरसिंहगढ़ और बटियागढ़ के बीच किसी ग्राम में विश्राम करेंगे। जबकि शनिवार की सुबह बटियागढ़ में आहारचर्या संभावित है।
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