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यह संसार कभी सुखमय नहीं होगा, हमें सुखी होना पड़ेगा : मुनि सुधासागर

संसार में सुख है नहीं और हमें सुखी होना है। तुम कहो संसार सुखमय हो जाए यह कभी होगा नहीं। हमें संसार में सुखी रहना है, यह हमारा संकल्प होना चाहिए। हमारी इच्छा सुखी होने की होनी चाहिए।

सागरSep 22, 2024 / 05:30 pm

Rizwan ansari

भाग्योदय तीर्थ में धर्मसभा का हुआ आयोजन

भाग्योदय तीर्थ में धर्मसभा का हुआ आयोजन
सागर. संसार में सुख है नहीं और हमें सुखी होना है। तुम कहो संसार सुखमय हो जाए यह कभी होगा नहीं। हमें संसार में सुखी रहना है, यह हमारा संकल्प होना चाहिए। हमारी इच्छा सुखी होने की होनी चाहिए। कर्म कहता है कि मैं तुम्हें धर्मात्मा नहीं होने दूंगा और आसन्न भव्य कहता है कि मैं धर्मात्मा होकर रहूंगा। यह बात भाग्योदय तीर्थ में शनिवार को आयोजित धर्मसभा में निर्यापक मुनि सुधा सागर महाराज ने कही। मुनि ने कहा कि जब-जब तुम्हें यह लगे कि यहां मैं टूट सकता हूं, लेकिन झुकूंगा नहीं। ऐसा भाव तुम्हें आ जाए समझ लेना, तुम्हारी जिंदगी का सर्वनाश शुरू हो गया।
मुनि ने कहा कि हम सोचते हैं कि क्षमा मांगने से हमारा स्वाभिमान घटता है। गाड़ी पीछे लेने का अर्थ यह नहीं है तुम्हें पीछे किया जा रहा है, घाटी पार करने की ताकत बढ़ाई जा रही है। आगे बढऩे से ही ताकत नहीं आती, कभी-कभी पीछे बढऩे से ताकत आती है। झुक जाने से ताकत आती है। यह चीज जिंदगी में हमें सीखना है कि अपनी गाड़ी बार-बार रुकती है। मुनि ने कहा कि दुनिया में एक व्यक्ति चुनो जिसके सामने तुम कुछ भी मत छुपाना। इसकी शुरुआत माता- पिता से करो। मैं मम्मी पापा से कुछ नहीं छुपाऊंगा। उनसे कभी झूठ नहीं बोलूंगा। जो कुछ भी मैंने किया है, सब साफ-साफ खाता रखूंगा। यदि यह नियम आपका हो गया तो शुरुआत से ही आपकी गति बढ़ जाएगी। फिर गुरु से कुछ मत छुपाना और सबसे बड़ी बात अपनी आत्मा से कुछ मत छिपाना।

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