सागर. तपोवन जैन तीर्थ में आयोजित धर्मसभा में आचार्य निर्भय सागर महाराज ने कहा कि बुरा वाक्य और अच्छा वक्त हाथ से निकल जाने पर पश्चाताप ही हाथ आता है। किस्मत से ज्यादा कीमती कर्म होता है, क्योंकि कर्म किस्मत को बदल देता है। अच्छे लोग उन्हीं को मिलते हैं जो स्वयं अच्छे होते हैं। अच्छे लोग ढूंढने से नहीं मिलते बल्कि अच्छे बनने से मिलते हैं। अच्छे लोगों को भूलना, छोडऩा और ढूंढना मुश्किल कार्य है।