सागर. श्रद्धांजलि वह योजना है जिसके जरिए विभागों में लंबित अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों का त्वरित निराकरण कर उनके परिजनों को उनका हक दिलाया जा रहा है। यह नवाचार सह सराहनीय पहल सागर कलेक्टर संदीप जीआर ने शुरू की है। कलेक्टर संदीप जीआर ने सागर में तैनाती के बाद अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों की समीक्षा की, तो पाया कि दर्जनों प्रकरण सालों से लंबित हैं। उन्होंने प्रकरणों का अध्ययन करवाया और जो पात्र हितग्राही थे, उन्हें तय समय में बिना किसी परेशानी के उनको हक दिलाया। जिले के अलग-अलग विभागों में अब तक 38 अनुकंपा नियुक्ति हो चुकी हैं और लगभग पांच प्रक्रिया में हैं।
तैनाती के 100 दिनों के अंदर लाए बदलाव
आइएएस अफसर संदीप जीआर ने 5 अगस्त को सागर कलेक्टर के रूप में पदभार ग्रहण किया था। उन्होंने 100 दिनों के अंदर अनुकंपा नियुक्ति के मामले में रिकार्ड प्रकरणों को निपटाया। श्रद्धांजलि योजना सागर जिला प्रशासन की स्थानीय पहल है।विभाग और अनुंकम्पा नियुक्ति
जिला पंचायत-16 शिक्षा विभाग- 14 महिला बाल विकास- 3 जेल विभाग- 1 सामाजिक न्याय- 1 राजस्व विभाग- 1 अन्य विभाग- 2 कुल- 38ये प्रकरण प्रक्रिया में हैं
महिला बाल विभाग व स्कूल शिक्षा विभाग में दो-दो तो एक सामाजिक न्याय विभाग का प्रकरण फिलहाल प्रक्रियाधीन है।24 घंटे के अंदर मृत्यु प्रमाण पत्र की भी पहल
कलेक्टर संदीप जीआर ने आकस्मिक निधन के मामले में भी संवेदनशीलता दिखाई है। पिछले दो दिनों से किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर उसके परिजनों तक 24 घंटे के अंदर मृत्यु प्रमाण पत्र समेत तात्कालिक आर्थिक सहायता राशि पहुंचाने का काम भी किया जा रहा है। ऐसे कई प्रकरण हैं जिसमें तात्कालिक आर्थिक सहायता राशि संबंधितों के पास कुछ ही घंटे के अंदर ही पहुंच गई।पात्र हितग्राही योजना के लाभ से वंचित न रहे
हमारा प्रयास है कि कोई भी पात्र हितग्राही योजना के लाभ से वंचित न रहे। अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरण कुछ साल से लंबित थे। ऐसे प्रकरणों को श्रद्धांजलि योजना के तहत प्राथमिकता से निराकृत किया गया है और प्रयास जारी है। – संदीप जीआर, कलेक्टर सागर एक्सपर्ट व्यू- प्रो. दिवाकर सिंह राजपूत, अधिष्ठाता, मानवीय एवं समाज विज्ञान संकाय, डॉ. हरिसिंह गौर केंद्रीय विविप्रशासनिक दायित्वों के साथ यह सामाजिक दायित्वों के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाता है। श्रद्धांजलि योजना जैसे नवाचारों से बड़े स्तर पर सामाजिक चेतना आती है, जिससे सकारात्मक व रचनात्मक कार्य बढ़ते हैं। मृत्यु के बाद उसके परिजनों तक मृत्यु प्रमाण पत्र व तात्कालिक आर्थिक सहायता राशि पहुंचाने जैसे प्रयासों से निश्चित रूप से प्रशासन पर लोगों का विश्वास बढ़ेगा। प्रशासनिक व्यवस्था में मजबूती आएगी और इसका लाभ आम जनता को मिलेगा।