सागर. बुंदेलखंड में बाल विवाह जैसी कुप्रथा थम नहीं रही है। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी बाल विवाह हो रहे हैं। यहां बेटियों को पढ़ाई से दूर करके कम उम्र में उनकी शादी कर दी जाती है। जिले में पिछले वर्षों में 550 से ज्यादा बाल विवाह महिला बाल विकास और विशेष किशोर इकाई की टीम ने रोके हैं। अब लाडो अभियान के तहत बाल विवाह को रोकने टीम गठित की गई हैं। इस अभियान की शुरुआत प्रदेश में सागर से की गई है। जिसके तहत जिले में अब शादी के कार्ड पर बेटे-बेटियों की कानूनी उम्र का जिक्र करना अनिवार्य किया जा रहा है। साथ ही पंडित, होटल संचालक और टेंट वालों को भी वर-वधु का आयु प्रमाण पत्र दिखाना होगा।
शादी का सीजन शुरु होते ही बाल विवाह के रोकथाम के लिए उडऩदस्तों का गठन किया गया। इन उडऩदस्ता में समस्त अनुविभागीय अधिकारी पुलिस, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद, सभी बाल विकास परियोजना अधिकारी, समस्त चिकित्सा अधिकारी एवं थाना प्रभारियों को शामिल किया गया। यह उडऩदस्ता लगातार जिले में भ्रमण करते हुए यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी स्थिति में बाल विवाह न हो। यदि बाल विवाह होना पाया जाता है तो उस स्थिति में वर एवं वधु पक्षों के सभी उत्तरदायी व्यक्तियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।