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सेरेब्रल पाल्सी से जूझते बच्चों के लिए बीएमसी में शुरू हुई थेरेपी, शहर के 100 से अधिक बच्चों को होगा फायदा

बीएमसी के हड्डी रोग विभाग में बच्चों के लिए अलग से कक्ष बनाया गया है, जहां फिजियोथेरेपिस्ट के अलावा एक स्पीचथेरेपिस्ट की व्यवस्था भी की जा रही है।

सागरJan 05, 2025 / 05:09 pm

Rizwan ansari

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सेरेब्रल पाल्सी यानि न्यूरोलॉजिकल बीमारी से जूझ रहे बच्चों के लिए बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में नि:शुल्क फिजियोथेरेपी की सुविधा प्रारंभ की गई है। शहर में 100 से अधिक ऐसे बच्चे हैं जिन्हें इस थेरेपी की आवश्यकता होती है और एक सेशन के परिजन 300 से 500 रुपए चुकाते हैं। बीएमसी के हड्डी रोग विभाग में बच्चों के लिए अलग से कक्ष बनाया गया है, जहां फिजियोथेरेपिस्ट के अलावा एक स्पीचथेरेपिस्ट की व्यवस्था भी की जा रही है। विशेषज्ञों की मानें तो इस बीमारी को न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर यानि दिमागी लकवा कहा जाता है। सेरेब्रल (दिमाग) और पाल्सी (मांसपेशियों) से जुड़ी इस समस्या में बच्चे चलने में अपनी मांसपेशियों पर कंट्रोल नहीं कर पाता है। ब्रेन का विकास सामान्य बच्चों की तुलना में कम माना जाता है।

सेरेब्रल पाल्सी से होती समस्याएं

बच्चों को अजीब तरीके से चलना
दौरे आना
देखने, बोलने या सुनने की समस्या
जोड़ों में दर्द की समस्याएं
पलटने में दिक्कत का होना
हाथ टेढ़े होना।
हाथ को मुंह तक नहीं ले जा पाना
शरीर के अंगों पर बैलेंस न होना।

बीमारी के प्रमुख कारण

जन्म के समय कम वजन होना।
एक महीने से बड़े बच्चों में स्ट्रोक बीमारी का आम कारण होता है।
प्रसव के समय ऑक्सीजन की कमी, 5-10 प्रतिशत बच्चों में प्रमुख कारण।
37 सप्ताह के पहले बच्चे का पैदा होना।
दुर्घटनाओं से आहत बच्चे।
अनुवांशिक।

लकवाग्रस्त व अन्य मरीजों के लिए फिजियोथेरेपी विंग का शुभारंभ

बीते दिन हड्डी रोग विभाग में फिजियोथैरेपी विंग का शुभारंभ किया गया था, जहां सीटीएम मशीन, अल्ट्रासाउंड थेरेपी, इंफ्रारेड थेरेपी, सिंगरवॉल ग्रिप एक्ससाइजेस और वैक्स वाथ आधुनिक मशीनों और डॉ. अर्चना वर्मा और डॉ. श्रुती शर्मा दो फिजियोथेरेपिस्ट की व्यवस्था की गई है। मरीजों की हड्डी के जोड़ों व मांसपेशियों की ताकत वापस लाने में फिजियोथेरेपी मदद करेगी। मांसपेशी, जोड़, हड्डी या नसों में दर्द है तो आधुनिक मशीनों के साथ एक्सरसाइज तकलीफ दूर कर सकता है। मांसपेशियों की ताकत वापिस लाने में यह थेरेपी सहायक होती है।
-सेरेब्रल पाल्सी एक लाइलाज बीमारी मानी जाती है। इसमें उचित देखभाल, थेरेपी व समय पर उपचार मिले तो कुछ हद तक बीमारी को रोका जा सकता है, इसलिए बीएमसी में थेरेपी शुरू की गई है, इसके अलावा लकवाग्रस्त व दुर्घटनाओं में घायल मरीजों की मांसपेशियों में ताकत लौटाने के फिजियाथेरेपी सेंटर भी बनाया गया है।
डॉ. पीएस ठाकुर, डीन बीएमसी।

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