सागर. जिले के दर्जनों सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को बैठने के लिए फर्नीचर के इंतजाम नहीं हैं। स्कूलों में दसवीं से बारहवीं के विद्यार्थी भी टाट पट्टी पर बैठकर पढ़ाई करने के लिए मजबूर हैं, वहीं दूसरी तरफ सीएम राइज स्कूल एमएलबी (क्रं1) में करीब 3 लाख का फर्नीचर कबाड़ बन गया है। स्कूल परिसर में फर्नीचर खुले में रखा है। पहले तेज धूप तो बाद में बारिश से लकड़ी खराब हो गई है।
सीएम राइज स्कूल की नई बिल्डिंग का निर्माण 40 करोड़ रुपए की लागत से किया जा रहा है। नई बिल्डिंग के निर्माण के चलते वर्षों पुरानी बिल्डिंग को तोड़ा जा रहा है। अब तक करीब 14 से ज्यादा कमरे टूट गए हैं। पुरानी बिल्डिंग टूटने से लाखों रुपए की सामग्री कबाड़ बन गई है। जानकारी के अनुसार एक वर्ष से यहां 200 से ज्यादा डेस्क खुले में रखी हुईं हैं। इन डेस्क पर 6वीं से 12वीं तक के 500 विद्यार्थी बैठकर पढ़ाई करते थे। कक्षाओं के टूटने के बाद जगह न मिलने से स्कूल प्रबंधन ने फर्नीचर को बाहर मैदान में रखवा दिया। बारिश से लकड़ी खराब हो गई। वहीं लोहे के फर्नीचर में जंग लग गई।
खुले में रखी सामग्री की हो रही बिक्री बिल्डिंग टूटने के बाद अलमारी, बड़ी संख्या में सागौन की लकड़ी, पंखा सहित अन्य सामग्री खुले में बाहर पड़ी हुई है। जिसे स्कूल प्रबंधन बगैर नीलामी के बेच रहा है। जानकारी के अनुसार स्कूल में ही पांच सदस्यों की टीम बनी हुई है। यह टीम फर्नीचर सहित अन्य सामग्री को बेच रही है, जिस सामग्री की बिक्री नहीं हुई है, वह कबाड़ बनती जा रही है।
धीमी गति से चल रहा स्कूल का निर्माण स्कूल में बिल्डिंग का निर्माण धीमी गति से चल रह रहा है। 40 करोड़ की लागत से बन रही बिल्डिंग का निर्माण 18 माह में पूरा किया जाना था। वर्ष-2022 से ही बिल्डिंग निर्माण का कार्य शुरू हो गया था, लेकिन दो वर्षों के बाद भी यहां 50 फीसदी काम ही पूरा हो पाया है। पुरानी बिल्डिंग लगातार टूटने से विद्यार्थियों को बैठने के लिए जगह नहीं है। स्कूल को दो शिफ्टों में संचालित किया जा रहा है।
शिफ्ट करा रहे हैं पुरानी बिल्डिंग टूटने की वजह से स्कूल में फर्नीचर रखने के लिए जगह नहीं थी। अब नई बिल्डिंग में कमरे बन जाने के बाद फर्नीचर को शिफ्ट कराया जा रहा है।
विनय दुबे, प्राचार्य एमएलबी स्कूल (क्रं1)