अब ये आप तय कर लो कि आपको मां के रूप में आना है या बहन के। भारत का हो जाना ही भारतीयता है। आचार्यश्री ने कहा कि व्यक्ति किसी रूप में हो उसे आध्यात्मिक होना चाहिए। हम भारतीय हैं और भारत में आध्यात्म परंपरा है। भारत की परिस्थितियां चाहे कैसे भी हों, लेकिन इसकी अखंडता को कोई कुछ नहीं कर सकता। पूर्व मुख्यमंत्री भारती आचार्यश्री के दर्शन करने के लिए गुरुवार की शाम पटनागंज रहली पहुंची थी।
आचार्यश्री द्वारा कहे गए शब्दों को पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने आत्मसात करने की बात कही। उन्होंने कहा कि आचार्यश्री के दर्शन कर आशीर्वाद लेने से मन को शांति प्राप्त हुई है। आचार्यश्री ने जो आदेश दिया उसका पालन करूंगी। महाराज स्वयं चलते-फिरते हिमालय हैं। उनका दर्शन ही चारधाम की यात्रा के समान है। उन्होंने कहा कि भारती हूं इसलिए भारतीयता लाऊं का अक्षरस: पालन करूंगी।
आचार्यश्री ने आदेश दिया है कि मां बनोगी, दीदी बनोगी या साध्वी बनोगी तो मुझे दीदी बनना पसंद आया और मैं सभी अधिकारियों व आम जनता से अपील करती हूं कि अब से मुझे कोई भी मैडम नहीं कहेगा। सभी मुझे दीदी कहेगें। उमा भारती ने आचार्यश्री से निवेदन किया कि वे 100 पंचकल्याणक करने के बाद पुन: कुण्डलपुर पधारें और शतायु हों। इस मौके पर पीडब्लयूडी मंत्री गोपाल भार्गव, पूर्व विधायक रतन सिंह सिलारपुर, राजेन्द्र जारोलिया, अभिषेक भार्गव, संजय दुबे, अमित नायक, भरत सेमरा, भुजबल पटेल, सुशील जैन, एसडीएम जितेन्द्र पटैल, एसडीओपी अनुराग पाण्डे, तहसीलदार संदीप तिवारी समेत अन्य शामिल रहे।