विगत दिनों आयकर विभाग की कार्रवाई के दौरान अधिकारियों को बंगला के अंदर 4 मगरमच्छ और अन्य वन्यप्राणाी मिले थे, अधिकारियों ने इसका वीडियो भी बनाया था। सर्वे कार्य पूरा होने के बाद अधिकारियों ने वन विभाग को इसकी जानकारी दी थी और मगरमच्छ पालने की अनुमति व दस्तावेज जांचने की प्रक्रिया चल रही थी।
राठौर परिवार समय-समय पर यह दावा करता रहा है कि उनके पास वन्यजीवों के अवशेष व मगरमच्छ को लेकर सभी प्रकार के दस्तावेज हैं, वे इस बात की जानकारी 1980 व 90 के दशक में वन विभाग को दे चुके हैं। हालांकि अभी वन अमला इस मामले में कुछ भी कहने से बच रहा है। लोगों ने मानें तो राठौर बंगला में 50-60 साल से मगरमच्छ पाले जा रहे हैं। शहर के लोग वन्यजीवों को देखने बच्चों सहित पहुंचते थे। उनके बंगले के कमरों की दीवारों पर भी जानवरों की खाल टंगी देखी जा सकती है।
बताया जाता है कि आयकर विभाग को पूर्व विधायक हरवंश सिंह राठौर के ठिकानों से 14 किग्रा सोना और 3.80 करोड़ की नकद राशि मिली। 9 किलो 800 ग्राम सोना विभाग ने जब्त किया है। बीड़ी कारोबार के कारण राठौर परिवार की संपत्तियां गांव-गांव में फैल गईं। बताया जाता है कि अभी परिवार के पास 1200 एकड़ से ज्यादा कृषि भूमि है। शराब और जायदाद के कारोबार में भी राठौर परिवार की भागीदारी बताई जाती है।