नियमानुसार प्लेटफॉर्म पर स्टाल से बाहर आकर किसी भी प्रकार का सामान बेचना प्रतिबंधित है और ऐसा करने वालों पर सख्त कार्रवाई व जुर्माने का प्रावधान है, लेकिन ऐसा करने से न तो आरपीएफ रोक रही है और न ही वाणिज्य विभाग के अधिकारी इनपर कार्रवाई कर रहे हैं। हाल यह है कि वेंडर स्टाल के बाहर भी टेबल लगाकर सामान बेच रहे हैं। ऐसा करने से सबसे ज्यादा दिक्कत यात्रियों के लिए होती है। क्योंकि प्लेटफॉर्म पर कई स्टाल है इसमें से अधिकांश स्टाल संचालक ऐसा करते है। जिससे यात्रियों को निकलने के लिए प्लेटफॉर्म कम जगह रहती है साथ इनसे बचकर उन्हें टे्रन पकडऩे के लिए जाना पड़ता है। कई स्टाल पर खुले आम आमलेट बनाकर बेचा जाता है। जिसके कारण भी लोगों को दिक्कत होती है। इसके बाद भी अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं।
बेचा जा रहा खुला सामान जहां एक ओर नियम तोड़कर स्टाल के बाहर रखकर सामान बेचा जा रहा, तो खुली सामग्री बेचने पर भी अधिकारी कार्रवाई करने से बच रहे हैं। स्टेशन पर लगभग सभी स्टाल पर खुले दाल-चावल सहित अन्य सामान बेचा जा रहा है, जबकि खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत इस प्रकार कोई भी सामग्री नहीं बेची जा सकती है, जो बंद पैकेट में न हो। खुली सामग्री पर गंदगी के बीच मक्खियां भी बैठती रहती हैं, जिसे खाने के बाद लोग बीमार भी हो जाते हैं।
बिल का आदेश भी हुआ हवा रेलमंत्री के नो बिल नो पेमेंट का आदेश भी हवा हो चुका है। किसी भी स्टाल पर इसका पालन नहीं किया जा रहा है। साथ ही अभी अतिरिक्त दाम पर सामान भी दिया जा रहा है। यात्री यदि कुछ बोलते भी हैं, तो स्टाल पर काम करने वाले कर्मचारी उन्हें सामान न लेने की सलाह देने लगते हैं, यात्रियों को ट्रेन छूटने का डर होने के कारण वह उनसे कुछ कह नहीं पाते हैं।