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सरहद पर शहीद हुए पिता तो 6 साल की बेटी ने ले ली सेना में जाने की शपथ, 4 साल के बेटे ने गर्व से दी मुखाग्नि

सागर के लाल सैनिक राजेश यादव की 6 साल की बेटी दिव्या ने पिता की शहादत पर शपथ ली की वो भी बड़ी होकर देश सेवा के लिए आर्मी ज्वाइन करेगी और जवान के 4 साल के बेटे अंश ने गर्व के साथ अपने पिता को मुखाग्नि दी।

सागरDec 30, 2023 / 09:27 am

Faiz

सरहद पर शहीद हुए पिता तो 6 साल की बेटी ने ले ली सेना में जाने की शपथ, 4 साल के बेटे ने गर्व से दी मुखाग्नि

मध्य प्रदेश के सागर जिले का सपूत और भारतीय सेना के जवान सरहद पर आतंकी मुठभेड़ में शहीद हो गए। परिवार को बेटे की शहादत पर गर्व है। वहीं, पिता की शहादत पर शहीद सैनिक राजेश यादव की महज 6 साल की बेटी दिव्या ने गर्व जताते हुए खुद भी साहस का बड़ा परिचय देते हुए ये शपथ ले ली की वो भी बड़ी होकर अपने पिता की तरह देश सेवा के लिए आर्मी ज्वाइन करेगी। यही नहीं जवान राजेश यादव के महज 4 साल के बेटे अंश ने गर्व के साथ अपने शहीद पिता को मुखाग्नि भी दी है। ये दोनों नजारे जिस किसी ने भी देखे वो अपने आंखों में आंसू रोक न सका।


आपको बता दें कि मध्य प्रदेश के सागर जिले के बंडा से करीब 4 किलोमीटर दूर स्थित क्यावला नाम के गांव में रहने वाले 30 वर्षीय राजेश यादव कश्मीर की 508 एएससी बटालियन में तैनात थे। अपनी पोस्टिंग के दौरान वो अलग-अलग जगह पर तैनात रहे। मौजूदा समय में उनकी तैनाती लेह में थी। इसी दौरान 21 दिसंबर 2023 को आतंकियों से हुई मुठभेड़ में वो घायल हो गए थे। गंभीर घायल अवस्था में भारतीय सेना द्वारा एयरलिफ्ट कर उन्हें लेह के सेना अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन यहां उनकी हालत में सुधार न होने के कारण उन्हें ऊधमपुर के सेना अस्पताल में हेलीकॉप्टर से ले जाया गया, लेकिन धुंध और कोहरा होने के कारण हेलीकॉप्टर लैंड नहीं हो सका और दौबारा उन्हें लेह के अस्पताल में ही भर्ती कर दिया गया। यहां 26 दिसंबर को इलाज के दौरान उन्होंने वीर गति प्राप्त की।

 

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नम आंखों से हजारों लोगों ने दी अंतिम विदाई

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देश की सुरक्षा करते हुए शहीद हुए राजेश यादव को 29 दिसंबर को उनके पैतृक गांव क्वायला में पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। हजारों लोगों ने नम आंखों से शहीद राजेश को अंतिम विदाई दी। शहीद राजेश का शव जैसे ही उनके पैतृक गांव पहुंचा तो पूरा माहौल गमगीन हो गया। शहीद की शहादत को याद कर हर किसी की आंखें नम थी और जुबां पर सिर्फ एक ही बात थी जब तक सूरज चांद रहेगा राजेश यादव का नाम रहेगा। इस दौरान राजेश के महज 4 साल के बेटे ने उन्हें मुखाग्नि दी।

 

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ग्रामीणों की मांग

राजेश के पिता छोटे किसान हैं. राजेश पढ़ाई करने के बाद पहली बार में ही खुली भर्ती में सेवा में शामिल हो गए थे। शहीद जवान के के अंतिम संस्कार के बाद क्वायला गाव के लोगों को कहना है कि राजेश को बचपन से क्रिकेट का शौक था और वो गांव के बच्चों को बढ़ावा देने के लिए हमेशा से चाहता था कि गांव में क्रिकेट स्टेडियम बने। इस दौरान ग्रामीणों ने सरकार से मांग की कि गांव में शहीद राजेश का स्मारक बने। यहां पार्क भी बनाना चाहिए। लोगों ने शासन से राजेश के परिवार को आर्थिक सहायता देने की मांग की है, क्योंकि उसके दो छोटे-छोटे बच्चे हैं।

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