शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय में शुक्रवार को विश्व हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में व्याख्यान एवं भाषण, आलेख वाचन, कविता पाठ तथा पोस्टर आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. सरोज गुप्ता ने कहा कि हमारी भाषा निरंतर आगे बढ़ रही है। आज 130 देशों में हिंदी का अध्ययन-अध्यापन कार्य किया जा रहा है। यह हमारी उपलब्धि है, लेकिन हम अपनी भाषा को लेकर जिस संकोच से ग्रस्त हैं उसे दूर करना है। मैं सभी से कहती हूं कि हम अपने हस्ताक्षर आज से ही अपनी भाषा में करें। हिंदी वह भाषा है जिसे बोलकर- सुनकर व्यक्ति भावविभोर हो जाता है। इसका वैश्विक प्रचार- प्रसार हमारी जिम्मेदारी है जिसे हम आगे बढक़र निभाएं। विशिष्ट अतिथि के रूप में प्राध्यापक डॉ. गोपा जैन, हिंदी विभाग अध्यक्ष डॉ. रंजना मिश्रा, और रसायन शास्त्र विभाग की प्राध्यापक डॉ. इमराना सिद्दीकी ने विचार रखे। विभिन्न प्रतियोगिताओं में शामिल विद्यार्थियों ने अपनी- अपनी प्रस्तुति से सभागार को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्तिक जैन, रुद्र प्रताप और उनके साथियों ने पहले सरस्वती वंदना इसके बाद लोकगीत प्रस्तुति से सबका मन मोह लिया। सुनीता गौड़ ने लोकगीत प्रस्तुति से सभागार को रोमांचित किया। भाषण प्रतियोगिता में उमाकांत कटारे ने कहा कि जितना सम्मान हम अपने माता पिता का करते हैं उतना ही अपनी भाषा का करना हमारा दायित्व है। संचालन डॉ. वसुन्धरा गुप्ता ने किया। आभार डॉ. सबीहा ताबीर ने माना। इस अवसर पर महाविद्यालय परिवार से डॉ. दीपक जॉनसन, डॉ. अभिलाषा जैन, डॉ. रेणु सोलंकी, डॉ. अखिलेश तिवारी, डॉ. अंकुर गौतम, डॉ. संदीप तिवारी, डॉ. भानुप्रिया पटेल एवं डॉ. मनीष जैन आदि मौजूद रहे।