सागर. पोस्टमार्टम रिपोर्ट की एवज में रिश्वत की मांग करने वाले केसली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉ. दीपक दुबे को निलंबित कर दिया गया हैै। कलेक्टर संदीप जीआर के प्रस्ताव पर मंगलवार को संभागायुक्त डॉ. वीरेंद्र कुमार रावत ने यह निलंबन आदेश जारी किया। मामले के तूल पकड़ने के बाद कलेक्टर ने अपने स्तर पर जांच कराई, जिसमें प्रथम दृष्टया डॉ. दीपक दुबे को दोषी पाया गया है। कलेक्टर के प्रस्ताव पर कार्रवाई करते हुए संभागायुक्त ने निलंबन आदेश जारी कर दिया।
– देवरी विधायक के दखल के बाद हुई थी एफआइआर केसली थाना क्षेत्र के मेढ़की गांव निवासी 70 वर्षीय धनसिंह यादव की सर्पदंश से मौत हो गई थी। मृतक का पोता रोहित यादव जब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र केसली पोस्टमार्टम रिपोर्ट लेने पहुंचा, तो वहां पदस्थ डॉ. दीपक दुबे ने रिपोर्ट देने की एवज में 40 हजार रुपए रिश्वत की मांग की। रिश्वत न देने पर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सर्पदंश का उल्लेख न कर नाॅर्मल रिपोर्ट थाना में भेजने को कहा गया। मामले में पीडि़त ने केसली थाना में शिकायत की, लेकिन पुलिस एफआइआर दर्ज करने तैयार नहीं थी। इसके बाद 10 अक्टूबर की रात देवरी विधायक बृजबिहारी पटेरिया केसली थाना पहुंचे और विधायकी से इस्तीफा देते हुए समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए। विधायक के इस्तीफे के बाद भोपाल तक हड़कंप मच गया। मामले में सीएम, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने दखल दिया, तो रात में ही कलेक्टर, एसपी केसली पहुंच गए और रात 2 बजे पुलिस को डॉ. दीपक दुबे के खिलाफ एफआइआर दर्ज करनी पड़ी।