सागर. पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय पहुंची एक महिला ने अपने पति व ससुराल पक्ष पर फर्जीवाड़ा कर तलाक कराने की शिकायत की है। महिला का कहना है कि पति ने कुछ वकीलों के साथ मिलकर न्यायालय को भी गुमराह है। उसने फर्जी महिला, गवाह, दस्तावेज पेश कर फर्जी तलाक की डिक्री हासिल कर ली और अब 10 दिन बाद वह दूसरी शादी करने जा रहा है। महिला ने आरोपी पति की शादी रुकवाने और मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है। शिकायतकर्ता महिला के वकील का कहना है कि उनकी 22 साल की वकालत में न्यायालय के साथ फर्जीवाड़ा करने का यह पहला मामला सामने आया है।
रिश्तेदारों से पता चली तलाक की बात
दमोह निवासी 25 वर्षीय महिला ने आइजी से की शिकायत में बताया कि 21 फरवरी 2022 को उसकी शादी सागर के कोतवाली थाना क्षेत्र निवासी युवक से हुई थी। 2 फरवरी 2023 तक वह अपने ससुराल में रही, लेकिन पति, सास, ससुर, ननद ने मारपीट की तो वह अपने मायके चली गई। कुछ समय बाद सागर की एक प्राइवेट स्कूल में शिक्षक की नौकरी लगने पर वह परिवार से अलग रहने लगी। पिछले माह रिश्तेदारों से पता लगा कि आरोपी पति की दूसरी शादी होने वाली है और पीडि़ता से तलाक हो गया है। इसके बाद 25 अक्टूबर को न्यायालय पहुंचकर जब जानकारी निकाली तो पता चला कि ससुराल पक्ष ने किसी फर्जी महिला, गवाह, दस्तावेज न्यायालय में पेश कर फर्जीवाड़ा करते हुए 8 नवंबर 2023 को तलाक की डिक्री ले ली है।दायर याचिका में ही गलतियां
पीडि़ता ने शिकायत में बताया कि न्यायालय में उसके नाम से पेश फर्जी याचिका में ही अलग-अलग जानकारी गलतियां उजागर कर रही हैं। याचिका के पैरा 6 में लिखा है कि पीडि़ता को अप्रेल 2023 में ससुराल वालों ने एक जोड़ी कपड़ों में घर से भगा दिया और उसी के पैरा 8 में लिखा है कि पीडि़ता आरोपी पति से तंग आकर अप्रेल 2022 से अलग रह रही थी। पीडि़ता ने बताया कि जिन तारीखों में उसका न्यायालय में उपस्थित बताया है, उन दिनों में वह पूरे समय अपने स्कूल में मौजूद थी।तीन माह में हो गया फैसला
आमतौर पर तलाक के मामलों का निराकरण जल्दी नहीं होता और दोनों पक्षों के बीच सुलह कराने का प्रयास किया जाता है, लेकिन इस मामले में महज 3 माह में फैसला हो गया। पीडि़ता ने शिकायत में बताया कि 31 जुलाई 2023 को उसके नाम से फर्जी तलाक की याचिका कोर्ट में पेश हुई। 12 सितंबर को आरोपी पति अपने वकील के साथ पेश हुआ और उसी दिन सुलह कार्रवाई व अनावेदक ने अपना जवाब पेश कर दिया। इसके बाद अगली पेशी 27 सितंबर को पीठासीन अधिकारी न होने पर 6 अक्टूबर को आवेदिका साक्ष्य के लिए प्रकरण नियत किया गया। 26 अक्टूबर की पेशी पर आवेदिका के साक्ष्यों के दौरान अनावेदक अनुपस्थित रहा और 2 नवंबर को आरोपी के साक्ष्यों के दौरान आवेदिका अनुपस्थित रही। इसके बाद आगे की सभी पेशियों में केवल अनावेदक के वकीलों के ही हस्ताक्षर हैं। जांच के लिए निर्देशित किया है
महिला ने फर्जीवाड़ा कर तलाक कराने की शिकायत की है। मामला गंभीर है, इस संबंध में अधिकारियों को मामले की बारीकी से जांच कराने के लिए निर्देशित किया है।
– प्रमोद वर्मा, पुलिस महानिरीक्षक, सागर
महिला ने फर्जीवाड़ा कर तलाक कराने की शिकायत की है। मामला गंभीर है, इस संबंध में अधिकारियों को मामले की बारीकी से जांच कराने के लिए निर्देशित किया है।
– प्रमोद वर्मा, पुलिस महानिरीक्षक, सागर