सागर. जिले के जलाशयों के जलभराव की स्थिति व रबी फसलों के लिए सिंचाई का लक्ष्य निर्धारित करें। सागर जिले में जल संसाधन विभाग के तहत 3 संभागीय कार्यालय स्थापित हैं, जो क्रमश: जल संसाधन संभाग क्रमांक-1 सागर, बीना प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट सागर व बेतवा परियोजना क्रियान्वयन इकाई-2 जल संसाधन विभाग राहतगढ़ में स्थित हैं। सोमवार को जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विवेक केवी ने कहा कि जलाशयों के जलभराव की स्थिति व रबी फसलों की सिंचाई के लिए लक्ष्य निर्धारण करना है।
इन पर हुई चर्चा
– जल संसाधन विभाग सागर के तहत 149 परियोजनाओं की रूपांकित रबी सिंचाई क्षेत्र 106329 हेक्टेयर व कुल रुपांकित जीवित जल भराव क्षमता 400.94 घन मीटर है। उपलब्ध कुल जीवित जल भराव क्षमता 371.12 घन मीटर के अनुसार कुल 85154 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई प्रस्तावित की गई है। उपलब्ध जल भराव से पलेवा व प्रथम या द्वितीय वाटरिंग प्रस्तावित है। जलाशयों में उपलब्ध मृत भराव क्षमता का उपयोग निस्तार व पेयजल के लिए किया जा सकेगा। जिला सागर के कार्यक्षेत्र के तहत दो वृहद परियोजनाएं बीला बांध, पंचमनगर सिंचाई परियोजना है। – बीला बांध एवं पंचमनगर वृहद परियोजना का रूपांकित सिंचाई क्षेत्र 37267 हेक्टेयर व रूपांकित उपयोगी जलभराव 130.82 घन मीटर है। इस वर्ष बीला व पंचमनगर परियोजना दोनों से 33000 हेक्टेयर क्षेत्र का लक्ष्य प्रस्तावित किया गया है।
– मंसूरवारी, केसली सूरजपुरा परकुल मध्यम परियोजनाओं का रूपांकित सिंचाई क्षेत्र 15277 हेक्टेयर है व रूपांकित उपयोगी जल भराव क्षमता 73.74 घन मीटर है। जीवित जल भराव क्षमता 72.84 घन मीटर के अनुसार 13200 हेक्टेयर क्षेत्र में पलेवा एवं दो वाटरिंग का लक्ष्य प्रस्तावित किया गया है। मंसूरवारी जलाशय से 0.333 घन मीटर जल देवरी नगर को पेयजल के लिए आरक्षित रखा जाना है, इसके लिए मुख्य नगर पालिका अधिकारी देवरी द्वारा प्रस्तावित मांग पत्र अनुसार जल आरक्षित रखा जाए।