तिली सत्संग भवन स्थित पवित्र गली में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के सातवें दिन कथावाचक रामकुमार पाण्डेय ने कहा कि तपस्या और त्याग के बल पर सुदामा ने विश्वात्मा भगवान द्वारिका नाथ को प्रसन्न कर लिया। त्याग और तपस्या से ही संसार में कुछ प्राप्त होता है। उन्होंने बताया कि कथा का आश्रय लेने से परीक्षित के ऊपर सर्प का कोई प्रभाव नहीं पड़ा। तक्षक के डसने के पहले ही परीक्षित विमान में बैठकर मोक्ष को प्राप्त हुए। इसलिए जीव को कथा रूपी साधन का आश्रय ग्रहण करना चाहिए। कथा में मुख्य यजमान उर्मिला जगदीश मिश्रा, मनीषा विनय मिश्रा, नीति अनिल दुबे, उषा मुकेश नायक, दिनेश मिश्रा, रीतेश मिश्रा, डॉ. आदित्य दुबे, डॉ. राजेश शुक्ला और अभिषेक गुरु ने आदि मौजूद रहे।