सागर. जो अपने माता-पिता की सेवा नहीं करते उन्हें किसी भी पूजा-पाठ का फल नहीं मिलता। यह बात कथा वाचक पंडित शुभम शास्त्री महाराज ने हफसिली में चल रही श्रीमद् भागवत महापुराण में कही। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को अनिवार्य रूप से श्राद्ध करना चाहिए। देव कार्य से भी महत्वपूर्ण पितृ कार्य हैं, जिनके पितृ संतुष्ट होते हैं, उन पर ही देवता कृपा करते हैं। इसलिए अपने पितरों के निमित्त व्यक्ति को श्राद्ध करना ही चाहिए।