बताया जा रहा है कि, तीन दिन पहले बीना थाना पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए एक अज्ञात युवक का शव मर्चुरी रूम मे रखवाया था। लापरवाह कर्मचारियों ने शव को करीब 15 दिनों से खराब पड़े फ्रीजर में ही रख दिया और जब पोस्टमार्टम के लिए शव को फ्रीजर से निकाला तो मौके पर मौजूद कर्मचारियों सहित अस्पताल में मौजूद मरीज बदबू से भागते नजर आए। वहीं, पोस्टमार्टम की निगरानी के लिए खाना क्षेत्र से आए पुलिस जवान भी मौके से भाग खड़े हुए, क्योंकि शव पूरी तरह से सड़ चुका था और उसपर जगह जगह कीड़े तक पड़ने लगे थे। हालांकि, कुछ देर बाद इसी हाल में पोस्टमार्टम कराना पड़ा।
यह भी पढ़ें- इंदौर बावड़ी हादसा : हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर, CBI जांच के साथ उठी दोषियों पर कार्रवाई की मांग
बड़ा सवाल ?
नगरपालिका कर्मचारी जो शव को दफनाने लेने आए वह भी भाग गए। जिसके बाद पुलिस के समझाइश के बाद कर्मचारी शव को लेकर दफनाया गया। अस्पताल में मौजूद मरीजों का भी बदबू से बैठना दुश्वार हो गया। मामले को लेकर बीएमओ डॉ संजीव अग्रवाल का कहना है कि ,उन्हें फ्रीजर खराब होने की जानकारी कर्मचारियों ने नहीं दी। वहीं, थाना प्रभारी कमल निगवाल का कहना है कि मर्चुरी रूम की जवाबदारी अस्पताल प्रबंधन की है। अस्पताल प्रबंधन को ध्यान रखना चाहिए था। अब सवाल यह है कि, इंसान शव की इस दुर्दशा का जिम्मेदार कौन है और उसके खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है ?