स्वास्थ्य विभाग के एक कर्मचारी की सतर्कता से एक फर्जी आइपीएस का भंडाफोड़ हुआ है। खुद को प्रदेश स्तर का अधिकारी बताने वाला युवक आइओडब्ल्यू की जांच में फंसाने की धमकी देकर कर्मचारी को 9 माह तक ब्लैकमेल करता रहा, धमकियों से डरा कर्मचारी टेंशन में रहकर बीपी, शुगर और हार्ट का मरीज हो गया। बार-बार ब्लैकमेलिंग से तंग आकर कर्मचारी ने इओडब्ल्यू सागर में शिकायत की। मामला भोपाल तक पहुंचा और जांच कराई गई, जिसमें सामने आया कि खुद को आइपीएस बताने वाला युवक फर्जी है, वह कई लोगों को जाल में फंसाकर रुपए ऐंठ चुका है। इओडब्ल्यू ने अग्रिम कार्रवाई के लिए प्रतिवेदन पुलिस अधीक्षक को सौंपा। जिसके बाद गोपालगंज थाना पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला पंजीबद्ध करते हुए विवेचना में लिया है।
टीआई, एसआई बनकर भी धमकाया
स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी अरुण को भोपाल निवासी आरोपी अंशुल कौतू खुद तो फोन कर धमकाता ही था, इसके अलावा अलग-अलग नंबर से भी फोन आते थे, जिसमें कभी इओडब्ल्यू की आइटी सेल का निरीक्षक जीपी दुबे बताता था तो कभी एसआई बसंत सिंह। यह सभी लोग केस में फंसवाने की धमकी देकर रुपयों के लिए ब्लैकमेल करता थे, लेकिन इओडब्ल्यू ने मामले की जांच की तो पता चला कि अंशुल ही अलग-अलग नाम से फोन करता था। इसमें वह अपनी पत्नी गरिमा यादव के मोबाइल नंबर का भी उपयोग करता था।
गाड़ी पर गृह मंत्रालय लिखा
अरुण ने बताया कि अंशुल ने व्हाट्स एप पर मुझे नोटिस भेजे और बोला कि अपनी संपत्ति घोषित करो। परेशान होकर मैंने मामले की शिकायत सागर इओडब्ल्यू से की और प्लानिंग के साथ 22 अगस्त 2024 रुपए लेने के बहाने सागर बुलाया। वह भोपाल से तहसीली स्थित मेरे ऑफिस आ गया, जहां उसे इओडब्ल्यू की टीम ने दबोच लिया। अरुण ने बताया कि जिस कार से वह सागर आया था उसमें पीछे गृह मंत्रालय और आगे असिस्टेंट डायरेक्टर की प्लेट लगी हुई थी। इओडब्ल्यू टीम देर रात तक अंशुल से पूछताछ करती रही और उसके पिता दिनेश कुमार कौतू को बुलाया, तो पता चला कि वह नरसिंहपुर जिले में उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक हैं।
सागर से हुई स्कूलिंग
पीडि़त अरुण प्रजापति ने बताया कि अंशुल का पहला फोन नवंबर 2023 में आया था। उसने खुद को आइपीएस अधिकारी बताते हुए कहा कि उसे मप्र कैडर मिला है और वह आइबी में पदस्थ है, जहां वह प्रदेश इओडब्ल्यू व लोकायुक्त के केसों की ऑडिट करता है। इसके बाद जब मैंने उसके बारे में पता किया तो उसके परिचित कुछ लोगों ने बताया कि उसकी स्कूलिंग सागर से हुई है और वह सच में आइपीएस है। लोगों ने कहा कि उसके जाल में मत फंसना नहीं तो उलझ जाओगे।
जल्द गिरफ्तारी होगी
इओडब्ल्यू के जांच प्रतिवेदन पर ब्लैकमेल करने वाले आरोपी पर मामला पंजीबद्ध कर लिया गया है। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए टीम रवाना की हैं, जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
मनीष सिंघल, थाना प्रभारी, गोपालगंज
स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी को ब्लैकमेल करने वाले फर्जी आइपीएस पर मामला दर्ज
सागर. गोपालगंज थाना पुलिस ने भोपाल निवासी एक फर्जी आइपीएस पर धोखाधड़ी व धमकाने का मामला दर्ज किया है। खुद को आइपीएस बताने वाला युवक पिछले एक साल से स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ एक कर्मचारी को धमकाते हुए ब्लैकमेल कर 5 लाख रुपए की मांग कर रहा था। 9 माह तक प्रताडऩा सहने के बाद कर्मचारी ने सागर इओडब्ल्यू से शिकायत की और मामले की जांच शुरू हुई, जिसमें पता चला कि युवक किसी सरकारी नौकरी में नहीं है, वह खुद को अधिकारी बताते हुए लोगों से ठगी करने का काम करता है। इओडब्ल्यू सागर में पदस्थ निरीक्षक प्रशांत मिश्रा ने मामले की जांच की और प्रतिवेदन पुलिस अधीक्षक को सौंपा। इसके बाद गुरुवार रात आरोपी के खिलाफ मामला पंजीबद्ध करते हुए विवेचना में लिया है।
स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी अरुण प्रजापति ने बताया कि भोपाल के बाग सेवनिया थाना क्षेत्र की प्रियदर्शनी कॉलोनी निवासी अंशुल पुत्र दिनेश कुमार कौतू उन्हें नवंबर 2023 से फोन पर धमका रहा था। उसका कहना था कि तुम्हारे पास आय से ज्यादा संपत्ति है, इसकी शिकायत मेरे पास आई है। मामला रफा-दफा करना है तो 5 लाख रुपए देने होंगे, नहीं तो इओडब्ल्यू में फंसवा दूंगा। मामले में पुलिस अधीक्षक कार्यालय से मिले निर्देश के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
टीआई, एसआई बनकर भी धमकाया
स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी अरुण को भोपाल निवासी आरोपी अंशुल कौतू खुद तो फोन कर धमकाता ही था, इसके अलावा अलग-अलग नंबर से भी फोन आते थे, जिसमें कभी इओडब्ल्यू की आइटी सेल का निरीक्षक जीपी दुबे बताता था तो कभी एसआई बसंत सिंह। यह सभी लोग केस में फंसवाने की धमकी देकर रुपयों के लिए ब्लैकमेल करता थे, लेकिन इओडब्ल्यू ने मामले की जांच की तो पता चला कि अंशुल ही अलग-अलग नाम से फोन करता था। इसमें वह अपनी पत्नी गरिमा यादव के मोबाइल नंबर का भी उपयोग करता था।
गाड़ी पर गृह मंत्रालय लिखा
अरुण ने बताया कि अंशुल ने व्हाट्स एप पर मुझे नोटिस भेजे और बोला कि अपनी संपत्ति घोषित करो। परेशान होकर मैंने मामले की शिकायत सागर इओडब्ल्यू से की और प्लानिंग के साथ 22 अगस्त 2024 रुपए लेने के बहाने सागर बुलाया। वह भोपाल से तहसीली स्थित मेरे ऑफिस आ गया, जहां उसे इओडब्ल्यू की टीम ने दबोच लिया। अरुण ने बताया कि जिस कार से वह सागर आया था उसमें पीछे गृह मंत्रालय और आगे असिस्टेंट डायरेक्टर की प्लेट लगी हुई थी। इओडब्ल्यू टीम देर रात तक अंशुल से पूछताछ करती रही और उसके पिता दिनेश कुमार कौतू को बुलाया, तो पता चला कि वह नरसिंहपुर जिले में उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक हैं।
सागर से हुई स्कूलिंग
पीडि़त अरुण प्रजापति ने बताया कि अंशुल का पहला फोन नवंबर 2023 में आया था। उसने खुद को आइपीएस अधिकारी बताते हुए कहा कि उसे मप्र कैडर मिला है और वह आइबी में पदस्थ है, जहां वह प्रदेश इओडब्ल्यू व लोकायुक्त के केसों की ऑडिट करता है। इसके बाद जब मैंने उसके बारे में पता किया तो उसके परिचित कुछ लोगों ने बताया कि उसकी स्कूलिंग सागर से हुई है और वह सच में आइपीएस है। लोगों ने कहा कि उसके जाल में मत फंसना नहीं तो उलझ जाओगे।
जल्द गिरफ्तारी होगी
इओडब्ल्यू के जांच प्रतिवेदन पर ब्लैकमेल करने वाले आरोपी पर मामला पंजीबद्ध कर लिया गया है। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए टीम रवाना की हैं, जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
मनीष सिंघल, थाना प्रभारी, गोपालगंज
स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी को ब्लैकमेल करने वाले फर्जी आइपीएस पर मामला दर्ज
सागर. गोपालगंज थाना पुलिस ने भोपाल निवासी एक फर्जी आइपीएस पर धोखाधड़ी व धमकाने का मामला दर्ज किया है। खुद को आइपीएस बताने वाला युवक पिछले एक साल से स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ एक कर्मचारी को धमकाते हुए ब्लैकमेल कर 5 लाख रुपए की मांग कर रहा था। 9 माह तक प्रताडऩा सहने के बाद कर्मचारी ने सागर इओडब्ल्यू से शिकायत की और मामले की जांच शुरू हुई, जिसमें पता चला कि युवक किसी सरकारी नौकरी में नहीं है, वह खुद को अधिकारी बताते हुए लोगों से ठगी करने का काम करता है। इओडब्ल्यू सागर में पदस्थ निरीक्षक प्रशांत मिश्रा ने मामले की जांच की और प्रतिवेदन पुलिस अधीक्षक को सौंपा। इसके बाद गुरुवार रात आरोपी के खिलाफ मामला पंजीबद्ध करते हुए विवेचना में लिया है।
स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी अरुण प्रजापति ने बताया कि भोपाल के बाग सेवनिया थाना क्षेत्र की प्रियदर्शनी कॉलोनी निवासी अंशुल पुत्र दिनेश कुमार कौतू उन्हें नवंबर 2023 से फोन पर धमका रहा था। उसका कहना था कि तुम्हारे पास आय से ज्यादा संपत्ति है, इसकी शिकायत मेरे पास आई है। मामला रफा-दफा करना है तो 5 लाख रुपए देने होंगे, नहीं तो इओडब्ल्यू में फंसवा दूंगा। मामले में पुलिस अधीक्षक कार्यालय से मिले निर्देश के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया है।