सागर

न्यायालय ने पूर्व में दी गई सजा को रखा यथावत, भेजा जेल

फर्जी जमानत देने का मामला

सागरDec 04, 2021 / 09:41 pm

sachendra tiwari

Two accused got punishment from court

बीना. फर्जी जमानत देने के मामले में प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश हेमंत कुमार अग्रवाल ने दो आरोपियों की पूर्व में न्यायालय द्वारा दी गई सजा को यथावत रखते हुए जेल भेज दिया अपर लोक अभियोजक श्यामसुंदर गुप्ता ने बताया कि विशेष न्यायालय में लंबित प्रकरण 34/02 के आरोपी मंटू के अनुपस्थित हो जाने पर 21 जनवरी 2003 को उसकी जमानत जब्त कर जमानत राशि वसूली के लिए जमानतदार भारत सिंह को नोटिस जारी किया गया था और जमानतदार ने न्यायालय में उपस्थित होकर बताया कि उसने जमानत नहीं दी है और न ही शपथ पत्र। जमानत संबंधी दस्तावेजों पर लगे फोटो अलग-अलग थे। शपथ पत्र के साक्षी उमाशंकर और ब्रजेश कुमार को नोटिस दिया गया तो पता चला कि उमाशंकर एक साल से लापता है और ब्रजेश कुमार नाम का कोई व्यक्ति नहीं है। फर्जी जमानत पेश किए जाने के संबंध में विशेष न्यायाधीश सागर ने जांच के लिए पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखा था, जिसपर थाना बीना में मामला दर्ज कर विवेचना की गई और हेमंत सिंह, उमाशंकर, ब्रजेश राय द्वारा विशेष न्यायालय में फर्जी जमानत देने व गवाहों के रूप में दुराशय पूर्व जमानत प्रपत्रों पर हस्ताक्षर करने की बात सामने आई। पुलिस ने मामला न्यायालय में पेश किया और 26 अक्टूबर 16 को जेएमएफसी डीएस परमार ने आरोपी हेमंत पिता रामसिंह राजपूत (33), टिल्लू उर्फ उमाशंकर पिता प्रेमनारायण सोनी (40) निवासी प्रताप वार्ड को दो वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी और पांच-पांच रुपए के अर्थदंड लगाया था। इस सजा के विरुद्ध अपील अपर सत्र न्यायालय में प्रस्तुत की थी, जिसपर करीब चार वर्ष बाद प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश ने अपील का निराकरण किया और अपर लोक अभियोजक ने तर्क प्रस्तुत कर पूर्व में न्यायालय द्वारा दिए गए दंडादेश की पुष्टी किए जाने की अपील की, जिसपर न्यायाधीश ने सहमत होकर दोनों आरोपियों की पूर्व में दी गई सजा को यथावत रखते हुए वारंट बनाकर जेल भेज दिया।

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