भगवान सूर्य की बहन हैं छठी मैया ज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि छठी मैया भगवान सूर्य की बहन और परमपिता ब्रह्मा की मानस पुत्री है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार छठी मैया को संतान प्राप्ति की देवी कहा जाता है। यही वजह है कि बच्चों के जन्म के छठे दिन इनकी पूजा की जाती है। नहाय-खाय का मतलब होता है कि व्रती महिलाएं पहले नहाती हैं उसके बाद पूजा-अर्चना कर सात्विक भोजन करती हैं। इस दिन खाने में चावल, चने की दाल, लौकी या कद्दू की सब्जी और पकौड़ी बनाया जाता है। बता दें कि छठ पूजा में शुद्धता का बड़ा महत्व है।
घाट पर की तैयारी बरिया घाट पर छठ पूजा समिति ने तैयारी की। गुरुवार को डूबते हुए सूर्य भगवान को अर्घ्य देने के लिए समिति व्यवस्थाएं करेंगी। इस मौके पर विकास कुमार शर्मा, डॉ. मनीष झा, सुरेन्द्र शर्मा, आशुतोष कुमार, रोशन कुमार, राजीव कुमार, प्रमोद कुमार, रेशु कुमार आदि शामिल हुए। वहीं सुभाषनगर और मकरोनिया में कृत्रिम कुंड बनाने की तैयारी की गई।