असमंजस में उलझी पुलिस को अचानक एक सुझाव सूझा, जिसके अलावा शायद पुलिस के पास असल मालिक के बारे में पता लगाने का कोई और विकल्प भी नहीं था। लेकिन, पुलिस द्वारा निकाले गए हल से भैंस का सही मालिक तो मिला ही, साथ ही पुलिस के इस हल से भैंस की वफादारी भी सामने आई, जिसकी शहरभर में चर्चा की जा रही है।
दरअसल, जिले के सानौधा थाना इलाके के परसोरिया के शमशेर नट ने थाने में भैंस लापता होने की सूचना दी थी। अमोदा गांव के निरपत लोधी के बेटे ने भैंस को अपने घर में बांध रखा था। उसने भी थाने आकर कहा कि, भैंस उसकी है, शमशेर उसे अपनी बता रहा है। भैंस पर दोनों दावा करने लगे। दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद सानौधा थाना प्रभारी अनुपमा शर्मा को उपाय सूझा उन्होंने भैंस को चौराहे पर खुला छोड़ देने का आदेश दिया, फिर क्या भैंस सीधे शमशेर नट के घर पहुंच गई।
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पुलिस ने पशु चिकित्सालय के डॉ. जलील खान, बरेदी शुकलाल यादव और मोहल्ले वालों के बयान लिए। सभी ने भैंस शमशेर नट की ही होना बताया। इसके बाद भैंस को शमशेर के ही सुपुर्द कर दिया गया। मामले में पुलिस ने भैंस मालिकों के पड़ोसियों से भी बात की। यहां भैंस चराने वाले और पड़ोसियों ने बताया कि भैंस शमशेर नट की है। भैंस को वे लोग पिछले 5 साल से देख रहे हैं। भैंस के खुद से घर पहुंचने और लोगों के बयानों के आधार पर पुलिस ने भैंस को शमशेर नट को सौंप दिया।
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घटना की पूरे इलाके में चर्चा है, भैंस का मालिक अपनी भैंस मिलने से खुश है वही भैंस भी मालिक के घर पहुंचकर राहत महसूस कर रही होगी और पुलिस भी बिना डंडे और धारा लगाए इस इमोशनल केस के निपट जाने से बेहद खुश है।
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