एक मेंढक की कहानी सुनाते हुए आचार्यश्री ने कहा कि एक कुएं में एक मेंढक रहता था। उसने ऊपर दो व्यक्तियों की आवाज सुनी कि आज यहां पर भगवान आ रहे हैं उसका भी मन हुआ दर्शन करने का और वह कुएं से बाहर आकर जिस तरफ लोग जा रहे थे वह उसी तरफ बढ़ता गया लेकिन छोटा होने से किसी वाहन ने उसके ऊपर से निकाल दिया और उस मेंढक की यात्रा समाप्त हो गई। आप लोग भी वाहनों से आते हैं। हमेशा नीचे देख कर आप लोगों को चलना चाहिए। आप भागकर नहीं भगाकर आते हैं। एक मेंढक भगवान के दर्शन की अभिलाषा के साथ कुएं से निकला था। बाद में मृत्यु के उपरांत वह देव बना ऐसा पुराणों में शास्त्रों में लिखा है।
आचार्यश्री का पूजन मोराजी जैन समाज, चौधरन बाई मंदिर कमेटी, पथरिया जैन समाज, वर्णी कॉलोनी जैन समाज के लोगों को प्राप्त हुआ। बुधवार को आचार्य श्री की आहारचर्या और पढग़ाहन करने का सौभाग्य विमला बाई जैन, आनंद स्टील मोना जैन, अजीत नीटू नेहा जैन को सौभाग्य मिला। इस अवसर पर अंजू जैन, बबली जैन, पूर्व विधायकसुनील जैन आदि को आहार देने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। आनंद जैन स्टील परिवार ने आहार दान के उपलक्ष्य में भाग्योदय तीर्थ अस्पताल को एक आधुनिक एंबुलेंस देने की घोषणा की। कार्यक्रम का संचालन मुकेश जैन ढाना ने किया।