सागर

लिफ्ट में युवती से छेड़छाड़, भीड़ ने आरोपी को पीटा

बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर के साथ अभद्रता का मामला अभी डॉक्टर्स व स्टाफ भूला नहीं था कि मंगलवार को एक नया मामला सामने आ गया। जहां एक व्यक्ति ने लिफ्ट में एक युवती के साथ छेड़छाड़ कर दी।

सागरOct 09, 2024 / 05:02 pm

Rizwan ansari

भीड़ के सामने गिड़गिड़ाता आरोपी

शिकायत के अभाव में पुलिस ने छोड़ा, कार्रवाई में सख्ती नहीं दिखा रहे जिम्मेदार
सागर. बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर के साथ अभद्रता का मामला अभी डॉक्टर्स व स्टाफ भूला नहीं था कि मंगलवार को एक नया मामला सामने आ गया। जहां एक व्यक्ति ने लिफ्ट में एक युवती के साथ छेड़छाड़ कर दी। युवती के चिल्लाने पर भीड़ ने आरोपी को दबोच लिया। आरोपी को पुलिस के हवाले किया गया लेकिन शिकायत के अभाव में उसे छोड़ दिया गया। पुलिस और बीएमसी प्रबंधन आरोपियों पर सख्त कार्रवाई नहीं कर रहा है जिससे आरोपियों के हौसले बुलंद हैं।
लिफ्ट बंद होते ही युवती को पकड़ लिया
मंगलवार सुबह करीब 11.15 बजे 22 वर्षीय युवती 3 साल के भतीजे को लेकर बीएमसी के पहली मंजिल से लिफ्ट के जरिए नीचे उतर रही थी। लिफ्ट में एक व्यक्ति पहले से मौजूद था। जैसे ही लिफ्ट के दरवाजे बंद हुए तो आरोपी ने युवती को पीछे से पकड़ लिया और गलत हरकत करने लगा। लिफ्ट जब नीचे आई और दरवाजे खुले तो आरोपी भागने लगा, युवती चिल्लाई और आरोपी के पीछे भीड़ दौड़ पड़ी।
भीड़ के सामने गिड़गिड़ाता रहा आरोपी
सुरक्षाकर्मियों और मौजूद लोगों ने आरोपी को बीएमसी के बाहर गेट से पकड़ा और जमकर पिटाई कर दी। आरोपी माफी मांगता रहा, गिड़गिड़ाता रहा और भीड़ आरोपी को लेकर बीएमसी चौकी पहुंच गई, जहां लडक़ी के परिजनों ने शिकायत करने से इंकार कर दिया। उधर आरोपी की पत्नी और बच्चा भी पुलिस चौकी पहुंच गए और आरोपी को छोड़ने की गुहार करने लगे। शिकायत के अभाव में पुलिस ने उसे छोड़ दिया।
महिला रेजीडेंट डॉक्टर से भी की गई थी छेड़छाड़
विगत माह बीएमसी की एक रेजीडेंट डॉक्टर पर एक व्यक्ति ने शराब के नशा में कमेंट किए थे। सुरक्षाकर्मियों ने आरोपी को पकडकऱ पुलिस के सुपुर्द किया था, लेकिन पुलिस ने शिकायत के अभाव में आरोपी को छोड़ दिया था और बाद में प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की थी। विधि सलाहकारों की मानें तो ऐसे मामले रोकने के लिए आवश्यकता है कि आरोपियों पर कठोर कार्रवाई के लिए, बीएमसी प्रबंधन और पुलिस स्वयं आगे आए।
एजेंसी की लापरवाही
नियमानुसार प्रत्येक लिफ्ट में एजेंसी का एक कर्मचारी रहता है, लेकिन हकीकत में एजेंसी के पास इतने कर्मचारी ही नहीं है कि वह हर लिफ्ट में कर्मचारी रख सके। बीएमसी में 10 लिफ्ट हैं, 3 शिफ्टों में करीब 30 कर्मचारियों की आवश्यकता है लेकिन एजेंसी मात्र 10 कर्मचारी ही रखे हुए है। बीएमसी प्रबंधन हर साल एजेंसी को 48 लाख रुपए का भुगतान करता है।
-शिकायतकर्ता न मिलने पर पुलिस स्वयं से मामला दर्ज नहीं कर सकती है, लेकिन बीएमसी में हुए घटनाक्रम पर यदि पुलिस चाहती तो छेड़छाड़ करने वाले आरोपी पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई कर सकती थी।
अनिल कोठारी, वरिष्ठ अधिवक्ता।
-घटना की जानकारी ली गई है, छेड़छाड़ जैसी वारदातें बीएमसी में बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। प्रबंधन जो भी सख्त कदम उठा सकता है वह उठाए जाएंगे।
डॉ. पीएस ठाकुर, डीन बीएमसी।

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