गणेश को पसंदीदा भोग है लड्डू
56 भोग की लिस्ट आप नीचे देखेंगे, लेकिन भगवान गणेश का पसंदीदा भोग लड्डू है। पुराण के अनुसार भगवान गणेश को बचपन से ही लड्डू बहुत पसंद हुआ करते थे। इसीलिए अब भी सबसे पहले भगवान गणेश को लड्डू का भोग ही लगाया जाता है। लड्डू के भोग लगाने पर भगवान जल्दी प्रसन्न होते है, ऐसी भी अनेक मंदिरों में मान्यता हैं। गणेश पर्व के दौरान शहर के बाजार से लड्डू तो अधिक विक्रय हुए ही, लेकिन घरों में भी महिलाओं ने अलग-अलग तरह के लड्डू तैयार कर भगवान को भोग लगाए।
इन 56 भोग से भगवान होते हैं प्रसन्न
भगवान को प्रसन्न करने के लिए चढ़ाए जाने वाले 56 भोग कुछ इस तरह है। छप्पन भोग में भात, दाल, चटनी, दही शाक की कड़ी, सिखरिणी, शरबत, बाटी, मुरब्बा, शर्करा युक्त त्रिकोण पहले 10 भोग होते है। इसके अलावा बड़ा, मधु शीर्षक, फेनी, पुड़ी, खजला, घेवर, मालपुआ, चोला, जलेबी, मेसू, रसगुल्ला, चंद्रकला, महारायता भी 56 भोग में आते है। 56 भोग की लिस्ट में थूली, लौंग पूड़ी, खुरमा, दलिया, परिखा, सौफलाड्या, बिलसारू, लड्डू, सब्जी, आचार, मोठ, खीर, दही, घी, मख्खन, मलाई, रबड़ी, पापड़, सीरा, लस्सी, सुवत, मोहन, सुपारी, इलायची, फल, पान, मोहन भोग, लवण, कसार, मधुर, तिक्त,कटु, अम्ल आदि भी शामिल है।
क्या है 56 भोग का महत्व
आचार्य पंडित रवि शास्त्री के अनुसार भगवान को 56 भोग चढ़ाने के महत्वों को वर्णन अलग-अलग है। भक्त अधिक प्रसन्नता और भगवान को रिझाने के लिए बड़ी ही भक्ति भाव से 56 भोग तैयार करते है और चढ़ाते है। इसे लेकर मान्यता है कि अगर भगवान को भोग पसंद आ जाते है तो भक्तों की मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। इसके अलावा विशेष पूजन अवसर पर भी 56 भोग चढ़ाए जाते हैं।