सागर

जिले में 5.20 लाख लोग कर रहे डिजीटल लेनदेन, समय से पासवर्ड बदलने वाले 50 हजार भी नहीं

डिजिटल लेनदेन के बढ़ते उपयोग के साथ बैंकिंग धोखाधड़ी के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। ठग डीपफेक, फिशिंग और ठगी के नेटवर्क का सहारा लेकर लोगों को अपने जाल में फंसा रहे हैं।

सागरJan 03, 2025 / 12:12 pm

Madan Tiwari

आरबीआई का अलर्ट : विशेषज्ञ बोले हर 15 दिन में बदलें अपना पासवर्ड – बैंकिंग धोखाधड़ी से बचने अपका खुद का जागरूक और सतर्क रहना जरूरी

सागर. डिजिटल लेनदेन के बढ़ते उपयोग के साथ बैंकिंग धोखाधड़ी के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। ठग डीपफेक, फिशिंग और ठगी के नेटवर्क का सहारा लेकर लोगों को अपने जाल में फंसा रहे हैं। यूपीआई ट्रांजेक्शन में संवेदनशील जानकारियों को चुराने के लिए नकली लिंक और कॉल का सहारा लिया जा रहा है। इस डिजीटल ठगी से बचाने के लिए आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) ने हाल ही में अलर्ट जारी किया है, जिसमें बताया गया है कि यदि उपभोक्ता हर 1-2 महीने में अपना पासवर्ड और पिन बदलते रहें तो ठगी के जोखिम को कम किया जा सकता है। इसको लेकर जब पड़ताल की तो पता चला कि जिले में 13 लाख से ज्यादा बैंकिंग उपभोक्ता हैं और इनमें से लगभग 5.20 लाख लोग हर साल 6 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का डिजीटल लेनदेन करते हैं, लेकिन समय से पिन-पासवर्ड बदलते रहने वालों की संख्या 50 हजार भी नहीं है।

– प्रलोभन में न आएं

डिजीटल ठगी में अधिकांश वही लोग शिकार बनते हैं, जो प्रलोभन में आ जाएं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें। ठगों के झूठे प्रलोभनों में न आएं।इसके लिए लोगों को स्वयं सतर्क होना होगा। आपकी जागरूकता ही डिजिटल लेनदेन को सुरक्षित रखने का एकमात्र तरीका है।

– पासवर्ड बनाने में यह रखें ध्यान

बैंकिंग मामलों के एक्सपर्ट हिमांशु पाटकार, मुख्य प्रबंधक (संकाय), यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन ज्ञानार्जन अकादमी, बिक्री एवं विपणन, भोपाल ने बताया कि किसी भी वित्तीय लेनदेन के समय यह सुनिश्चित करें कि वेबसाइट के यूआरएल में (एचटीटीपीएस) मौजूद हो और उसके पास ताला चिन्ह हो। केवल आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ही लेनदेन करें। विशेषज्ञ के अनुसार ठगी से बचने के लिए अपने पिन/पासवर्ड को हर 15 दिन में बदलते रहें। पासवर्ड कम से कम 8 अंक का होना चाहिए, जिसमें बड़े और छोटे अक्षर, विशेष वर्ण और नंबर शामिल होने चाहिए।

– संदिग्ध लिंक, इमेल पर क्लिक न करें

यदि आप ट्रांजेक्शन के लिए किसी दूसरे का कम्प्यूटर या लैपटॉप उपयोग कर रहे हैं, तो लेन-देन के लिए वेबसाइट के इनबिल्ट की-बोर्ड का उपयोग करें। वित्तीय लेन-देन के लिए हमेशा आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं। गूगल या अन्य सर्च इंजन पर खोजकर कभी भी फेक वेबसाइट पर डेटा साझा न करें। इसके अलावा किसी भी संदिग्ध लिंक या इमेल पर क्लिक न करें। अनजान लिंक के माध्यम से अपने बैंकिंग डिटेल्स साझा न करें। चूंकि कोई भी बैंक आपसे आपकी गोपनीय जानकारी अप्रत्यक्ष रूप से नहीं मांगती है। इसलिए यदि बैंक के नाम से कोई संदिग्ध मैसेज या इमेल आए तो उसकी तुरंत रिपोर्ट करें।

संबंधित विषय:

Hindi News / Sagar / जिले में 5.20 लाख लोग कर रहे डिजीटल लेनदेन, समय से पासवर्ड बदलने वाले 50 हजार भी नहीं

Copyright © 2025 Patrika Group. All Rights Reserved.