एक मशीन पर 450 जांचों का दबाव-
मौसमी बीमारियों के सीजन के चलते बीएमसी में हर दिन ओपीडी व आइपीडी के करीब 500 मरीजों की 5500 जांचें हो रहीं हैं। जिसमें सीबीसी जांच के लिए लैब में तीन मशीनें हैं, लेकिन शुक्रवार सुबह से ही एक मशीन खराब हो गई, दूसरी में भी दिक्कत आ गई। सिर्फ एक मशीन से जांचें हुईं और एक साथ करीब 450 जांचें की गईं। जो जांच एक घंटे में मिल जानी चाहिए थी उसकी रिपोर्ट शाम को मिली। शनिवार को मशीन में सुधारने की बात कही गई लेकिन दोपहर में फिर मशीन ने जवाब दे दिया और बंद हो गई।देरी के कारण मरीज बाहर से करा रहे जांचें-
बीएमसी में सीबीसी की जांच रिपोर्ट में देरी होने पर भर्ती मरीज के परिजन बीएमसी के बाहर निजी पैथालॉजी से जांचें करा रहे हैं। ओपीडी के नए मरीज भी जांच रिपोर्ट जल्दी मिल जाने की उम्मीद में बाहर से ही जांचें करा रहे हैं।फैक्ट फाइल-5 सौ मरीजों की 55 सौ जांचें रोज हो रहीं3 में से 2 मशीनों में दिक्कत450 सीबीसी जांचें प्रभावित115 प्रकार की जांचे लैब में हो रहींबिना तैयारी के दूसरा फेस भी शुरू-
सेंट्रल लैब में पहले फेस की 85 प्रकार की जांचें ही ठीक से नहीं हो रहीं हैं कि अब प्रबंधन ने जांचों का दूसरा फेस भी शुरू कर दिया है। बीएमसी से अनुबंधित निजी लैब में अब करीब 115 प्रकार की जांचें हो रहीं हैं, लेकिन तैयारी नहीं दिख रही है। लैब में स्टाफ व संसाधनों का अभाव देखा जा रहा है, जिसका असर मरीजों के इलाज पर पड़ रहा है।लैब प्रभारी ने डीन को लिखा पत्र-
बताया जा रहा है कि व्यवस्था ठप पढऩे की आशंका के चलते सेंट्रल लैब प्रभारी ने डीन डॉ. पीएस ठाकुर को पत्र भी लिखा है। पत्र में कहा है कि वायरल सीजन में जांचों की संख्या अधिक है और सीबीसी जांचें एक मशीन से हो रहीं हैं, जिससे जांच रिपोर्ट में समय तो लग ही रहा है वहीं मशीन पर लोड भी पड़ रहा है, समय पर दूसरी व तीसरी मशीन चालू नहीं हुई तो जांच की व्यवस्था ठप पडऩे की आशंका है। -विगत दिन मशीन में दिक्कत आई थी जिसे तत्काल सुधारने के निर्देश संबंधित एजेंसी के मैनेजर को दिए हैं। बताया जा रहा है कि मशीन में वोल्टेज संबंधी समस्या है, जिसे जल्द दूर किया जाएगा।
डॉ. अमर गंगवानी, नोडल अधिकारी सेंट्रल लैब।